नई दिल्ली। दिल्ली के अलीपुर इलाके में कई निर्माण इकाइयों से 25 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन(केएससीएफ) की सहयोगी संस्था ‘सहयोग केयर फॉर यू’ ने केएससीएफ के ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के तहत अलीपुर एसडीएम, लेबर डिपार्टमेंट और दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त छापामार कार्रवाई के तहत इन बच्चों को छुड़ाया है।
मुक्त करवाए गए सभी बच्चों की उम्र नौ से 17 साल है, इनमें से सात लड़कियां हैं। इन बच्चों से जबरन जूते, क्रॉकरी और सैनिटरी निर्माण की इकाइयों में बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। बच्चों ने बताया कि उनसे रोजाना 15-15 घंटे काम करवाया जाता था और मजदूरी के नाम पर केवल सौ से दो सौ रुपए मिलते थे। पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। अलीपुर एसडीएम ने इन निर्माण इकाइयों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी पुलिस को आदेश जारी किए हैं।
बच्चों को बालश्रम से मुक्त करवाने के बाद ‘सहयोग केयर फॉर यू’ के महासचिव शेखर महाजन ने कहा, ‘इन बच्चों को पड़ोसी राज्यों से ट्रैफिकिंग करके लाया गया था। इनको जबरन 15 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और मजदूरी के नाम पर नाममात्र के पैसे दिए जाते थे।’ महाजन ने कहा, ‘हमने एसडीएम और लेबर डिपार्टमेंट से मांग की है कि उक्त चार निर्माण इकाइयों को सील किया जाए और इनके मालिकों से बच्चों को तत्काल मुआवजा दिलवाया जाए।’