योजना के तहत 53 फीसदी (3.16 लाख) प्लेसमेन्ट किए गए। नवम्बर 2017 के अंत तक अल्पकालिक प्रशिक्षण के तहत 5.98 लाख उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र दिए गए। 10,000 से अधिक प्रशिक्षित उम्मीदवारों ने उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से मुद्रा ऋण के लिए किया आवेदन। प्रख्यात संगठनांें में दी गई नौकरियां जैसे सैमसंग, वाॅक्सवैगन, एसबीआई लाईफ, टाटा मोटर्स, पेटीएम, होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर, एसेन्ट्यूर, पीवीआर सिनेमा, बाटा इण्डिया, जी4एस सिक्योर सोल्यूशन्स, लैमन ट्री होटल्स, एल एण्ड टी, टाटा स्काय आदि।
नई दिल्ली। अपने लाॅन्च के दो साल से भी कम समय में ही कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना ने कई गुना प्रगति की है। योजना के तहत 3,16,671 प्लेसमेन्ट्स (फरवरी 2018 तक) किए गए हैं। 55 फीसदी सफल प्लेसमेन्ट्स के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (2016-20) के तहत अल्प-कालिक प्रशिक्षण प्रोग्राम ;ैज्ज्द्ध एक प्रभावी और मांग-उन्मुख पहल है जो उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है।
अल्प-कालिक प्रशिक्षण प्रोग्राम के तहत अब तक 13 लाख उम्मदवारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, इनमें से 9 लाख उम्मीदवारों को फरवरी 2018 तक प्रमाणपत्र भी दिए जा चुके हैं। 5.98 लाख उम्मीदवारों को प्लेसमेन्ट दिया गया है जिन्हें नवम्बर 2017 के अंत तक प्रमाणपत्र दिए जा चुके थे। जिन उम्मीदवारों को नवम्बर 2017 के बाद प्रमाणपत्र दिए गए, उनके प्लेसमेन्ट का काम अभी जारी है।
योजना की प्रगति पर चर्चा करते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं सीवीओ राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप उम्मीदवारों को काम के लिए तैयार करती है। कौशल भारत मिशन के मद्देनज़र हम उन्हें प्रासंगिक जाॅब रोल में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। कौशल भारत मिशन उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है, जिसें मुद्रा ऋण एवं अन्य वित्तीय प्रावधानों का भी समर्थन प्राप्त है।’’ उन्होंने कहा कि अपना काम करने वाले उम्मीदवारों को प्रोत्साहित किया जाता है और उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से मुद्रा ऋण पाने में मदद की जाती है। वर्तमान में 10,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों ने इस ऋण के लिए आवेदन किया है।
एनएसडीसी में ईडी एवं सीओेओ जयंत कृष्णा ने कहा कि एनएसडीसी अच्छी गुणवत्ता के प्रशिक्षण संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण प्रदाताओं, सेक्टर स्किल परिषदों और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि ये संसाधन संगठनों की ज़रूरतों को पूरा कर सकें। मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को दूर करने के लिए हमने कई प्रयास किए हैं जैसे संगठनों के साथ एकीकरण, नेशनल करियर सर्विस जैसे पोर्टल के साथ सिंडीकेशन, श्रम बाज़ार सूचना प्रणाली का निर्माण, रोज़गार मेलों का आयोजन आदि।
बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्लेसमेन्ट को दो श्रेणियों में बांटा गया है- वेतन और स्व-रोज़गार। तकरीबन 76 फीसदी उम्मीदवारों को वेतन वाली श्रेणी में नौकरी दी गई है और 24 फीसदी स्व-रोजगार/ उद्यमिता में काम कर रहे हैं। वेतन वाली श्रेणी में काम करने वाले 80 फीसदी उम्मीदवारों को विभिन्न सेक्टरों मंे प्लेस किया गया है जैसे इलेक्ट्राॅनिक्स एवं हार्डवेयर, परिधान, ब्यूटी एवं वैलनैस, कृषि, रीटेल/ खुदरा, लाॅजिस्टिक्स, चमड़ा, टेलीकाॅम, सिक्योरिटी, टेक्सटाईल्स और हैण्डलूम। एनएसडीसी कौशल भारत मिशन के तहत उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें देश के अग्रणी संगठनों में नौकरियां पाने में भी मदद कर रही है जैसे टाटा मोटर्स, पेटीएम, होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर, एसेन्ट्यूर, पीवीआर सिनेमा, बाटा इण्डिया, जी4एस सिक्योर सोल्यूशन्स, लैमन ट्री होटल्स, एल एण्ड टी, टाटा स्काय, सैमसंग, वाॅक्सवैगन, एसबीआई लाईफ आदि।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (2016-20) का लाॅन्च नवम्बर 2016 में रु 12,000 करोड़ के आउटले के साथ किया गया। यह भारत सरकार का सबसे बड़ा प्रशिक्षण एवं सेर्टिफिकेशन प्रोग्राम है। 2020 तक एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करना इसका लक्ष्य है। अपने लाॅन्च के तकरीबन 16 महीनों में इस योजना के दो प्रोग्रामों- अल्पकालिक प्रशिक्षण एवं विशेष परियोजनाआंे (शाॅर्ट टर्म ट्रेनिंग और स्पेशल प्रोजेक्ट्स)- के तहत 13 लाख से ज़्यादा उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। योजना का एक और मुख्य अवयव है- रिकाॅग्निशन आॅफ प्रायर लर्निंग। यह एक ऐसा प्रमाणीकरण प्रोग्राम है जिसमें परिणाम उन्मुख लर्निंग को महत्व दिया जाता है।