गांधीनगर। महात्मा मंदिर के मंच से बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। देश में पहली बार आयुष टे्रड मार्क बनाने के साथ ही प्रधानमंत्री ने आयुष पार्क और आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने की घोषणा की। जिससे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का विदेशी आसानी से प्रयोग कर सकें। पीएम ने कहा कि इससे मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा इससे पहले आयुष उत्पादों को बढ़ावा देने का और निर्यात के लिए सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही आयुष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री गांधीनगर के महात्मा मंदिर ऑडिटोरियम में ग्लोबल आयुष इंवेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट 2022 को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में मौजूद आयुर्वेद की सम्पदा को विश्व तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर के शुभारंभ के साथ विश्वभर में आयुष की पहचान देने की शुरूआत की जा चुकी है। इसी क्रम में भारत सरकार अपना खुद का आयुष टे्रड मार्ग बनाएगा, जिससे भारत 1में बने हुए आयुष उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रमाणिकता और गुणवत्ता प्राप्त हो सकेगी। इस ट्रेडमार्क से भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की गुणवत्ता को विश्वस्तर पर पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही सरकार आयुष पार्क और आयुष वीजा भी शुरू करेगी। आयुष पार्क देश के माध्यम से देशभर में कहीं भी उगाए जाने वाले मेडिसिनल प्लांट के बेहतर उपयोग के लिए रोडमैप तैयार करेगी तथा आयुष वीजा के जरिए विदेशियों को भारत में इलाज कराने के लिए आने की व्यवस्था को आसान होगी और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। पीएम ने बुधवार को आयुष पोर्टल आईसीटीई का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ प्रवीन्द्र कुमार जगन्नाथ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस सहित केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
भारत सरकार के साथ हुए कई समझाौते के बाद से मॉरीशस में आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी मॉरीशस भारत सरकार के साथ काम कर रहा है। 2017 के बाद से मॉरीशस में हर साल धनतेरस के लिए आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। कोविड19 के दौरान भी मॉरीशस और भारत सरकार ने साथ मिलकर आयुर्वेद में बताए गए उपायों को देश में प्रयोग करने की अनुमति दी।