योगी सरकार नए साल में प्रदेशवासियों को ‘एक जिला-एक उत्पाद योजना’ की सौगात देने की तैयारी कर रही है। इसके तहत स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों को पांच वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दिलाने का प्रस्ताव है। इससे हर साल पांच लाख और पांच वर्ष में 25 लाख लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही प्रदेश की जीडीपी में भी 2 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह योजना प्रदेश के पहले स्थापना दिवस समारोह पर 24 जनवरी को लागू होगी।
सुनील सौरभ
लखनउ। उत्तर प्रदेश के हर शहर के क्षेत्रीय और परंपरागत उत्पादों को देश-दुनिया में नई पहचान दिलाने और उन्हें ब्रांड बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही नई योजना लाने जा रही है। इस योजना के तहत हर शहर के मशहूर उत्पादों को दुनियाभर में प्रमोट किया जाएगा। इस योजना मे लखनऊ के चिकन के कुर्ते, सूट-सलवार, साड़ियां, अलीगढ़ का ताला, बनारसी साड़ियां, मुरादाबाद का पीतल, फिरोजाबाद की चूड़ियां, कन्नौज का इत्र समेत अन्य जिलों की प्रसिद्ध चीजें शामिल हैं। योगी सरकार की इस योजना को ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के नाम से जाना जाएगा।
सरकार की कोशिश है कि क्षेत्रीय उत्पादों-विशेषताओं को उभारने के लिए उनकी बेहतर मार्केटिंग की जाए। इसके लिए संबंधित जिले के परंपरारागत उत्पादों को प्रमोट करने के लिए स्थानीय स्तर पर ही हब तैयार किया जाएगा। इससे रोजगार बढ़ेंगे तो साथ ही, उस उत्पाद का व्यवसाय और कारोबार देश-दुनिया के आर्थिक नक्शे पर उभरकर यूपी की शानदार ब्रांडिंग भी कर सकेगा।
इस योजना के लिए हर जिले के जिलाधिकारी भी अपने स्तर पर प्रसिद्ध उत्पादों का चयन करेंगे। फिर उसके प्रमोशन की रूपरेखा तय की जाएगी। सरकार के आकलन और आकंड़ो पर अगर यकीन करें तो प्रमोट करने के बाद इन उत्पादो की देश-विदेश मे बीस गुना तक मांग बढ सकती है, जो राज्य को राजस्व मे तो बढ़ोतरी करेगी ही. साथ ऐसे व्यवसायो से जुड़े लोगों को भी फायदा पहुंचाएगा।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में शुरू हुई ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोड्क्ट’ योजना आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना से न सिर्फ काम धंधों और परंपरागत उद्योगों को बढावा मिलेगा बल्कि पर्यटन का भी विकास होगा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने भी हैशटैग अलबेला यूपी से एक मुहिम शुरू की है। सोशल साइट्स पर इस हैशटैग के जरिए लोग अपने अपने इलाकों की खूबियां इस मुहिम में साझा कर रहे हैं। लोगों के जरिए मिली जानकारियों और खूबियों को एक वेबसाइट के जरिए सार्वजनिक करने की भी भावी योजना है। पिछले पंद्रह सालों में सरकारों की खराब नीतियों के चलते शहरों की अपनी खूबियां खत्म होने के कगार पर पहुंच गई। इसके चलते न सिर्फ शहरों के परंपरागत रोजगार धंधे खत्म हुए बल्कि शहरों की अपनी पहचान भी खत्म होती चली गई।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि यूपी सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के लिए करीब ढाई हजार करोड़ रुपए जारी करने जा रही है। सरकार की कोशिश है कि इस योजना के जरिए शहरों में परंपरागत रोजगारों को प्रोत्साहन मिलेगा। पिछली सरकार की नीतियों की वजह से ये रोजगार खत्म होने की कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से न सिर्फ परंपरागत उद्योगों को बढावा मिलेगा बल्कि रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)