नई दिल्ली। छेदकर रस चूसने वाले कीट भारत में कृषि फसलों के लिए बड़ा संकट पैदा करते हैं, जिससे उत्पादकता और फसलोपज में 35 से 40% तक भारी नुकसान पहुँचता है. अब भारतीय किसान आज लॉन्च किए गए बीएएसएफ के नए कीटनाशक एफिकॉन®, की सहायता से इस मुश्किल भरी चुनौती पर काबू पा सकते हैं. एफिकॉन एक विशेष फॉर्मूलेशन में बीएएसएफ के नए एक्टिव इंग्रीडिएंट एक्सालियॉन® की शक्ति से लैस है.
अनूठी क्रियाविधि रखने वाला एफिकॉन कीटनाशक नए आईआरएसी समूह 36 के तहत बाजार में पेश किए गए उन पहले कंपाउंड्स में से एक है, जो पूरी तरह से कीटनाशकों की एक नई श्रेणी (समूह 36-पायरिडाजाइन) का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका बाजार में मौजूदा उत्पादों के साथ कोई ज्ञात क्रॉस-रेजिस्टेंस नहीं है जिससे, यह एक श्रेष्ठतर कीटनाशक प्रतिरोध प्रबंधन का साधन बन जाता है.
पहली बार 2023 में ऑस्ट्रेलिया में एफिकॉन कीटनाशक लॉन्च किया गया था. भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहाँ इतनी जल्दी यह नई केमिस्ट्री उपलब्ध होने जा रही है जिससे किसानों को मुश्किल चुनौती पेश करने वाले रस चूसने वाले कीटों पर काबू पाने में मदद मिलेगी.
एशिया पैसिफिक स्ट्रेटजी के अनुरूप, बीएएसएफ खास तौर से स्थानीय बाजार की जरूरतों के लिए समाधान विकसित कर रहा है. बीएएसएफ एग्रीकल्चरल सॉल्यूशंस, एशिया पैसिफिक की सीनियर वाईस प्रेसिडेन्ट सिमोन बर्ग ने कहा “बीएएसएफ में, हम जो कुछ भी करते हैं वह कृषिकार्य के प्रति लगाव के चलते करते हैं. हम किसानों की जरूरतों को समझने के लिए किसानों की आवाज़ सुनकर काम करने के प्रति समर्पित हैं, जिससे कि फसलों को कीटों से बचाने और उत्पादकता बढ़ाने की मुश्किल चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में उनकी मदद करने के लिए हम अपनी विशेषज्ञता का प्रयोग कर, धरती पर सबसे बड़े काम में सहायता प्रदान कर सकें.”
एफिकॉन कीटनाशक की एक महत्वपूर्ण खूबी इसकी अनूठी क्रियाविधि है. यह चेपा, फुदका और सफेद मक्खियों जैसे कीटों के जीवनकाल की कई अवस्थाओं पर अत्यधिक असरदार है. प्रयोग किए जाने पर, एफिकॉन से तुरंत कीटों द्वारा भक्षण कर पौधों को चोट पहुँचाना रूक जाता है. यह अपने प्रणालीगत गुणों के कारण लंबे समय तक चलने वाला अवशिष्ट नियंत्रण प्रदान करता है.
अपने प्रणालीगत गुणों के चलते, एफिकॉन नई फसल की बढ़वार के लिए भी लंबे समय तक चलने वाला अवशिष्ट नियंत्रण प्रदान करता है. बीएएसएफ इंडिया के एग्रीकल्चरल सॉल्यूशंस के बिजनेस डायरेक्टर गिरिधर रानुवा ने कहा “यह नवाचार दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के रस चूसने वाले कीटों को काबू में लाने में किसानों की मदद करने की बीएएसएफ की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. एफिकॉन से भारतीय किसानों को कपास और सब्जियों जैसी विभिन्न प्रकार की फसलों में कीटों पर असरदार नियंत्रण पाने और लंबी अवधि की सुरक्षा में मदद मिलगी. लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रयोग किए जाने पर एफिकॉन परागणकों सहित गैर-लक्षित सजीवों और लाभकारी कीड़ों के लिए भी अत्यधिक अनुकूल है.”
“एफिकॉन की सहायता से यह उपलब्धि ऐसा कीटनाशक पोर्टफोलियो विकसित करने के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है जिससे दुनिया भर के किसानों को मदद मिलेगी. बीएएसएफ भारतीय उद्योग और कृषि की अपनी क्षमता अधिकतम करने में मदद करने के लिए तत्पर है. बीएएसएफ एग्रीकल्चरल सॉल्यूश्ंस के ग्लोबल स्ट्रेटजिक मार्केटिंग के सीनियर वाईस प्रेसिडेन्ट डॉ. मार्को ग्रोजदानोविक ने कहा, ‘‘भारतीय किसान उन्नत समाधान प्राप्त करने के अधिकारी हैं जिससे कि उन्हें नवाचारों के साथ रस चूसने वाले कीटों में प्रतिरोध का प्रबंधन कर पैदावार बेहतर करने में मदद मिल सके.” उन्होंने आगे कहा ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि किसानों को असरदार और टिकाऊ समाधान उपलब्ध कराकर, हम पर्यावरण पर प्रभाव कम करते हुए खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग पूरी करने में किसानों की मदद कर सकते हैं.”