आपको भाषाओं से प्यार है। साहित्य से आत्मीयता है, तो ्जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में जरूर शिरकत करें। इस साल इस फेस्टिवल में हिंदी भाषा समेत अनेक भारतीय भाषाओं की दुनिया के कई वक्ता शिरकत कर रहे हैं। यह प्रोग्राम इन भारतीय भाषाओं में लेखन के सामयिक चलन की समीक्षा करते हुए उनकी भव्य धरोहर पर भी नजर डालता है। इस फेस्टिवल के 11वें संस्करण का आयोजन 25 से 29 जनवरी के दौरान किया जाएगा और इसमें भारत व दुनिया के 35 देशों के 350 से ज्यादा भारतीय भाषाओं के वक्ता हिस्सा लेंगे। इस फेस्टिवल के दौरान देश के एक कोने से दूसरे कोने तक की बातचीत होती है और इसमें भारतीय भाषाओं के मशहूर व कम सुने साहित्यिक खजानों से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों के सामयिक भाषाई चलन को भी शामिल किया जाता है। इनमें से प्रत्येक भारतीय भाषाओं की अपनी अनूठी साहित्यिक परंपराएं मानक और विशिष्टताएं होती हैं। इसके पीछे की मंशा तेजी से बढ़ते वैश्वीकरण के इस माहौल में अपने देश की भाषाओं की अतुलनीय विशालता को बनाए रखना और उस बेजोड़ भाषाई धरोहर से सहायता लेना हैए जिसका उत्सव मनाने का सौभाग्य हमें जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के जरिए मिलता है।