रांची। झारखण्ड सरकार लाख दावे करे कि सबकुछ ठीक हो रहा है। विकास का हाथी सरपट दौड रहा है, लेकिन सरकार के नौकरशाह और मंत्रियों के बीच समन्वय नहीं है। यह एक बार नहीं, कई बार दिखने में आया है। एक बार फिर झारखण्ड सरकार के मंत्री सरयू राज ने कैबिनेट की बैठक में सीधे तौर पर इसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर तीखे प्रहार किए।
असल में, मंगलवार को झारखण्ड सरकार की कैबिनेट की बैठक थी । बैठक में सरकार कर वरिष्ठ मंत्री सरयू राय ने तीखे शब्दों मे मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव पर आरोप लगते हुए कहा है कि झारखंड में भूख से एक व्यक्ति की मौत इसलिए हो गई है क्योंकि मुख्य सचिव ने यह आदेश दिया है कि जिसके पास भी आधार कार्ड नहीं है, उसे राशन नहीं मिलेगा। उस बेचारे के पास कार्ड नहीं था। अनाज नहीं मिला और वह भूख से तडप तडप कर मर गया। साथ में मंत्री ने यह भी कहा कि विभागीय सचिव को जब मंत्री खोजते हैं फिर सचिव का जबाब रहता है कि या तो वो मुख्यमंत्री के साथ है या मुख्य सचिव के पास है। ऐसी स्थिति में सरकार बताए कि सचिव से मंत्री कब बात करें ?
सरयू राय ने बताया कि पांच अप्रैल को मैंने विभागीय सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि आधार कार्ड को लेकर किसी का राशन कार्ड रद्द नहीं किया जाए। सचिव ने भी बताया कि इससे संबंधित कई बार निर्देश उन्होंने जिले के अधिकारियों को दिया है। उन्होंने मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेसिंग पर कहा, सिस्टम की मॉनिटरिंग होनी चाहिए। नियंत्रण होना चाहिए। लेकिन राज्य के उपायुक्तों की शिकायत भी है कि वे वीडियो कांफ्रेंसिंग में ही व्यस्त रहते हैं। मुख्य सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग करती हैं, तो डीसी के साथ सीओ, बीडीओ और नीचे के अधिकारी को बैठाया जाता है। वरीय अधिकारी के लिए यह व्यवस्था असहज होती है। मुख्य सचिव को चाहिए कि वे विभागीय सचिव से बात करें।
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि सिमडेगा में बच्ची की मौत भूख से हुई है या बीमारी से, विवाद का विषय हो सकता है , लेकिन यह बात सामने आयी है कि उसके परिवार को राशन नहीं मिल रहा था। मामले में सरकार ने जांच करायी है। डॉक्टर से लेकर स्थानीय लोग और परिवार के सदस्यों के बयान लिये गये हैं। इसमें बीमारी की बात आ रही है। वहीं कुछ लोग बच्ची की मौत भूख से होने की बात कह रहे हैं।