नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने दावोस में आयोजित के मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन को देश के लिये गौरवशाली एवं ऐतिहासिक बताते हुए आज कहा कि श्री मोदी ने विश्व-पटल पर भारत की शक्ति, क्षमता और उसके बहु-आयामी प्रभाव को शानदार तरीके से रेखांकित किया है। श्री शाह ने यहां अपने वक्तव्य में कहा कि श्री मोदी का यह संबोधन ऐतिहासिक और समस्त देशवासियों के लिये गर्व का विषय है तथा भारत के बढ़ते क़दमों एवं भारत के प्रति विश्व के बदलते नजरिये का परिचायक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की महान संस्कृति, मान्यताओं और दर्शन को उद्धृत किया और चोटी की आर्थिक और उद्योग जगत की हस्तियों से आह्वान किया कि भारत संयोजन, सौहार्द और समन्वय की धरती है।
भाजपा अध्यक्ष ने भाषण के बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि हजारों वर्ष पूर्व लिखे गए ‘वसुधैव कुटुंबकम’ अर्थात् सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है, की अवधारणा को आज भी आत्मसात करता है। हम जोड़ने की परंपराओं में विश्वास रखते हैं, विभाजन में नहीं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज सम्पूर्ण विश्व के लिये एक महत्वपूर्ण चुनौती है। भारत ने इस चुनौती से निपटने के लिये न केवल लक्ष्य निर्धारित किये बल्कि इस दिशा में लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई अभूतपूर्व कदम भी उठाये। यह पहल भी भारत ने अपने दर्शन “भूमि माता, पुत्रो अहम्पृथ्व्याः” के आधार पर धरती को माता मानकर इस विषय पर संवेदनशील रुख अपनाया।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के मंच पर भी दोहराया। उन्होंने आतंकवाद के व्यापक खतरे को समूल नष्ट करने के लिये समग्र विश्व से एकजुट होने की अपील की तथा‘गुड टेररिज्म’ और ‘बैड टेररिज्म’ के नजरिये को ख़त्म करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने भूमंडलीकरण के खिलाफ संरक्षणवाद की नीति पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पूरी दुनिया को इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जिसका समाधान आपसी सहमति और एकजुट होकर करने से संभव होगा। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने विश्व काे बताया कि अगर आप वेल्थ के साथ वैलनेस चाहते हैं और हेल्थ के साथ जीवन की समग्रता चाहते हैं तो भारत में आपके लिए अद्वितीय अवसर उपलब्ध है, यदि आप समृद्धि के साथ शांति चाहते हैं तो भारत में आपका अभिनंदन है।