One Nation One Election के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कोविंद समिति की रिपोर्ट स्वीकार की। कोविंद समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन मिला; मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि कोविंद समिति की सिफारिशों पर पूरे भारत में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी। एक साथ चुनाव कराने संबंधी कोविंद समिति की सिफारिशों पर आगे की कार्रवाई के लिए कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा। बड़ी संख्या में दलों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है; हम अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।

मंत्रिमंडल के समक्ष रिपोर्ट पेश करना विधि मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा है। उच्च स्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 100 दिन के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गयी। समिति ने सिफारिशों के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए एक ‘क्रियान्वयन समूह’ गठित करने का भी प्रस्ताव दिया था। उसने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों को बचाने, विकास और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने, ‘‘लोकतंत्र की नीव’’ को मजबूत करने और भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे अव्यावहारिक बताया। उन्होंने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी को चुनाव से पहले एक चुनावी हथकंडा करार देते हुए कहा, ‘जब चुनाव आते हैं, तो वे (भारतीय जनता पार्टी) ये सब बातें कहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी। उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिये जाने के बाद आयी है।

इसको लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने लगातार एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध किया है क्योंकि यह समस्या की तलाश में एक समाधान है। यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी कई चुनाव कोई समस्या नहीं हैं।

 

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