कर्म पथ पर अविराम गतिमान मुख्यमंत्री मोहन यादव

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है। सरकार की एक साल की उल्लेखनीय उपलब्धियों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि कोई भी मुख्यमंत्री मात्र एक साल में अर्जित ऐसी उल्लेखनीय उपलब्धियों पर गर्व कर सकता है परन्तु मुख्यमंत्री मोहन यादव इसे गर्व का विषय नहीं मानते बल्कि हर्षोल्लास के इस मौके पर भी उनका सारा ध्यान केवल इस बात पर केंद्रित है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से समाज में आखिरी छोर पर खड़ा व्यक्ति भी वंचित न रहने पाए। इसीलिये मोहन यादव ने अपनी सरकार की प्रथम वर्षगांठ को जनकल्याण पर्व के रूप में मनाने का फैसला किया जिसकी गूंज मध्यप्रदेश से लेकर देश की राजधानी तक सुनाई दे रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विगत दिनों जब नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की तो उन्होंने मध्यप्रदेश में जन कल्याण से जुड़ी बेतवा केन परि योजना और पार्वती काली सिंध चम्बल परियोजनाओं के मध्य प्रदेश की सराहना की और मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण भी सहर्ष स्वीकार किया।मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि जनता का कल्याण और मध्य प्रदेश का विकास यही मेरे जीवन का ध्येय है।इसी संकल्प की सिद्धि के लिए कर्म पथ पर अविराम गतिमान हूं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि हम सब के प्रयास से मध्यप्रदेश को खुशहाल , संपन्न और स्वर्णिम प्रदेश बनाने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की विशेष पहल पर प्रारंभ हुआ यह जनकल्याण पर्व इस मामले में अनूठा है कि यह पर्व मध्यप्रदेश की सरकार और जनता के बीच एक अभिनव सेतु की भूमिका निभाएगा। इसमें । सरकार और जनता दोनों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने लाल परेड ग्राउंड में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में जनकल्याण पर्व और मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश की 1.28 बहिनों के खाते में 1572 करोड़ की राशि अंतरित की । इसी तरह मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 55 लाख हितग्राहियों के खाते में 338 .38 करोड़ की राशि अंतरित की । राजधानी के ऐतिहासिक लाल परेड ग्राउंड में आयोजित इस भव्य समारोह में एक साथ 7 हजार आचार्यों द्वारा किया गया सस्वर गीता पाठ ने जनकल्याण पर्व के आकर्षण को द्विगुणित कर दिया। गीता पाठ का यह अनूठा कार्यक्रम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से उसके क्षेत्रीय अधिकारी विश्वनाथ ने मुख्यमंत्री को तदाशय का प्रमाण पत्र प्रदान किया।

 

 

मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार जनकल्याण पर्व और जनकल्याण अभियान के माध्यम से सरकार की बहुमुखी योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। लगभग एक पखवाड़े तक चलने वाले जनकल्याण पर्व के दौरान संपूर्ण प्रदेश में नगरीय निकायों और पंचायत स्तर तक शिविर लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री द्वय , राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद , विधायक पिछले एक साल की अवधि में सरकार के द्वारा किए गए जनहितैषी कार्यों तथा सरकार की उल्लेखनीय उपलब्धियों से प्रदेश की जनता को अवगत कराएंगे। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि समाज का कोई भी तबका केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहने पाए।इसी सिलसिले में 26 दिसंबर को पचमढ़ी में महत्वपूर्ण चिंतन शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है। 11 दिसंबर से 26 जनवरी तक चलने वाले जनकल्याणकारी अभियान के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 18354 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया जाएगा। इसी अवधि में प्रदेश में 38 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर मोहन यादव के पास आने के बाद मात्र एक साल की अवधि में सरकार ने ऐसे अनेक फैसले किए हैं जो विकास के पथ पर मील के चमकदार पत्थरों के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही नगर यातायात में असुविधाजनक साबित हुए बी आर टी एस कारीडोर को हटाने तथा धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकरों को प्रतिबंधित करने के जो फैसले किए वे उनकी कार्यशैली का परिचय देने के लिए पर्याप्त थे। यहां तक कि गुना और शाजापुर के कलेक्टर के विरुद्ध भी तत्काल सख्त फैसला लेने में मुख्यमंत्री ने कोई संकोच नहीं किया।मुख्यमंत्री की लाडली बहना योजना के अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को दी जाने वाली राशि में वृद्धि कर मुख्यमंत्री ने यह भी साबित कर दिया कि इतने कठोर मुख्यमंत्री कितना संवेदनशील हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के द्रुतगामी औद्योगिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा करने हेतु क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलनों के आयोजन में जो सराहनीय पहल की उसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। पिछले एक साल में सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। प्रदेश में नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा और हर जिले में प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव साधुवाद के अधिकारी हैं। राजनीति के क्षेत्र में अपने विशिष्ट रणनीतिक कौशल का परिचय तो मोहन यादव ने गत लोकसभा चुनावों में ही दे दिया था जब उन्होंने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा की शानदार विजय की इबारत लिखी थी। आज जब मोहन यादव की सरकार ने उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा एक साल पूर्ण कर लिया है तब हर तरफ से उन्हें बधाईयां मिलना स्वाभाविक ही है परंतु चारों ओर से मिल रही असंख्य बधाईयां के बावजूद आप मुख्यमंत्री के चेहरे पर गर्वानुभूति का कोई भाव नहीं देख सकते। वे जितने विनम्र मुख्यमंत्री बनने के पूर्व थे उतने ही विनम्र आज भी हैं। चेहरे पर सहज सरल मुस्कान और विनम्रता ही मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहचान है।


कृष्णमोहन झा, वरिष्ठ पत्रकार

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