नई दिल्ली। टाटा पावर ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा मेला 2024 का आयोजन किया, जिसमें देश भर के 10 राज्यों के 150 स्कूलों के 1000 से अधिक छात्र और शिक्षक नवोन्मेष और वहनीयता के लिए एकजुट हुए। इस मेले ने ऊर्जा संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए अगली पीढ़ी की जागरूकता को बढ़ावा दिया। यह वार्षिक कार्यक्रम, टाटा पावर के मशहूर क्लब एनर्जी कार्यक्रम के तहत प्रमुख पहल है, जिसमें कंपनी के ‘सस्टेनेबल इज़ अटेनेबल’ अभियान के अनुरूप वहनीय भविष्य तैयार करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रतियोगिता, कार्यशाला और सांस्कृतिक प्रदर्शन जैसी कई रोमांचक गतिविधियां शामिल थीं, जिन्हें छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए तैयार किया गया था। इस कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई, जिसमें राष्ट्र निर्माण और सतत प्रगति में उनके अद्वितीय योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया। इस श्रद्धांजलि ने इस आयोजन के लिए प्रेरणा के सूत्र की भूमिका निभाई जो उनकी दूरदर्शी विरासत के प्रति टाटा पावर की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
टाटा पावर के सीएचआरओ और सस्टेनेबिलिटी तथा सीएसआर प्रमुख, श्री हिमाल तिवारी ने कहा, “वहनीयता जागरूकता से शुरू होती है, और राष्ट्रीय ऊर्जा मेला युवाओं में नवोन्मेष और ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के उल्लेखनीय महत्व पर ज़ोर देती है, जो देश भर के युवाओं को हरित, अपेक्षाकृत अधिक वहनीय भविष्य तैयार करने में योगदान के लिए सशक्त बनाती है। टाटा पावर के सहयोग से, वे नए ऊर्जा परिदृश्य को आकार देंगे, वहनीयता पर केंद्रित भविष्य को आगे बढ़ाएंगे और कार्बन नेट-जीरो हासिल करने के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।”
“हमने क्लब एनर्जी कार्यक्रम के ज़रिये 18 राज्यों में 1200 से अधिक स्कूलों के साथ काम किया है और अगले वित्त वर्ष तक 1500 से अधिक स्कूलों तक अपनी पहुंच का विस्तार करने का लक्ष्य रखा है।”
टाटा पावर की सस्टेनेबिलिटी ब्रांड एंबेसडर, सुश्री प्राची शेवगांवकर के एक विशेष सत्र ने छात्रों को वहनीय प्रथाओं को अपनाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में पहल योग्य कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। टाटा पावर की सीएसआर पहल, अनोखा धागा ने इस मौके पर महिला कारीगरों द्वारा तैयार किए गए पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में न केवल वहनीय व्यावसायिक प्रथाओं पर ज़ोर दिया, बल्कि छात्रों को हरित उद्यमिता के लिए नवोन्मेषी रास्ते तलाशने के लिए भी प्रेरित किया।
टाटा पावर-डीडीएल के मुख्य कार्यकारी, श्री गजानन एस. काले ने कहा, “इस कार्यक्रम में 10 अलग-अलग राज्यों के छात्र इकट्ठे हुए और इस तरह यह आयोजन सीखने और सहयोग का मंच बना। इस ऊर्जा मेले के ज़रिये हम न केवल छात्रों को शिक्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अपने समुदायों का सक्रिय नेतृत्व बनने के लिए सशक्त बना रहे हैं। उन्हें इस मेले के दौरान राष्ट्रीय स्तर के मंच पर एक-दूसरे से सीखकर और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा कर वहनीय तरीकों को बढ़ावा देने और संसाधनों के संरक्षण में अग्रणी बनने के लिए तैयार किया जा रहा है।”
विशिष्ट अतिथि, कर्नल हेमंत कुमार साह, कमांडिंग ऑफिसर-5 दिल्ली, गर्ल्स बटालियन, एनसीसी निदेशालय, दिल्ली, तथा श्री एस. सुनील, शिक्षा उपनिदेशक (खेल), भूमि एवं संपदा, दिल्ली सरकार ने टाटा पावर और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में युवाओं की उल्लेखनीय भूमिका पर ज़ोर दिया। इस मौके पर मौजूद मुख्य अतिथि, प्रोफेसर बलराम पाणि, डीन (ऑफ कॉलेजेज़), दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए तथा इस पहल के लिए प्रोत्साहन और समर्थन में दिए गए अपने संबोधन से सभी को प्रेरित किया।