नई दिल्ली। संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट 2018 पेश कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018 में कहा कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.6 फीसदी बढ़ा है। यह काले धन के खिलाफ मुहिन का असर है। टैक्स देने वाले 19.25 लाख लोग बढ़े हैं। बजट 2018 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बार सरकार का इनकम टैक्स कलेक्शन 90 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। बजट 2018 में किसानों के लिए उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को टैक्स में 100 फीसदी की छूट दी गई है। सरकार ने 1 फीसदी सेस बढ़ा दिया है। पहले सेस 3 फीसदी था अब इसे बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया है। सरकार ने कस्टम ड्यूटी को भी बढ़ा दिया है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। वहीं डीजल और पेट्रोल की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई है। अब मोबाइल, टीवी से लेकर विदेशी पैन तक खरीदने के लिए ज्यादा रुपए देने होंगे। वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष में विकास दर 7.2 से लेकर 7.4 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा एक्सपोर्ट में भी 17 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। सरकार को 5.95 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार में कैश का प्रचलन कम हुआ है। बिटकॉइन जैसी करेंसी नहीं चलेगी। क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी है। बजट 2018 की स्पीच में वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 3 साल में सरकार सभी क्षेत्रों में 70 लाख नई नौकरियां पैदा करेगी। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की फिर से शुरुआत कर दी गई है। 40 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। मतलब जितनी सैलरी होगी उसमें से 40,000 रुपए घटाकर बचे हुए पैसे पर टैक्स देना होगा। डिपॉजिट पर मिलने वाली छूट 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई। वहीं 250 करोड़ का टर्नओवर करने वाली कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स लगेगा। 99 फीसदी एमएसएमई को 25 फीसदी टैक्स के दायरे में रखा गया है।
बजट 2018 में नए कर्मचारियों के ईपीएफ में सरकार 12 फीसदी देगी। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल की सैलरी बढ़ाई जाएगी। बढ़ने के बाद राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपए महीने हो जाएगी। वहीं उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख रुपए महीने और राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख रुपए महीने हो जाएगी। सांसदों के भत्ते हर पांच साल में बढ़ेंगे। एयरपोर्ट की संख्या 5 गुना करने की कोशिश की जा रही है। स्मार्ट सिटी के लिए 99 शहर चुने गए हैं। 100 स्मारकों को आर्दश बनाया जाएगा। धार्मिक पर्यटन शहरों के लिए हेरिटेज योजना बनाई जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी को आसान बनाने की कोशिश जारी है। प्री नर्सरी से 12वीं तक सभी को शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा। डिजिटल पढाई को बढ़ावा देने पर भी जोर रहेगा। बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना बड़ा लक्ष्य है। आदिवासियों के लिए एकलव्य विद्यालय बनाए जाएंगे। बडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी बनेगी। स्कूलों में ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का फंड और छोटे उद्योगों के लिए 3,794 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हेल्थ वेलनेस केंद्र बनाने पर 1,200 करोड़ का फंड खर्च किया जाएगा। 10 करोड़ गरीब परिवारों को मेडिकल खर्च मिलेगा। हर परिवार को एक साल में 5 लाख का मेडिकल खर्च मिलेगा। देश की 40 फीसदी आबादी को सरकारी हेल्थ बीमा मिलेगा। 24 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
2022 तक हर गरीब को घर देने का ऐलान किया। देश में 2 करोड़ शौचालय और बनाए जाएंगे। सभी फसलों का समर्थन मूल्य मिलेगा अभी कुछ ही फसलों का मिलता है। 4 करोड़ घरों में सौभाग्य बिजली योजना से कनेक्शन। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए नई स्कीम। नया ग्रामीण बाजार ई-नैम बनाने का ऐलान किया गया। खरीफ की फसल का समर्थन मूल्य उत्पादन की लागत से डेढ़ गुना है। आलू प्याज टमाटर के लिए ऑपरेशन ग्रीन। आलू प्याज टमाटर के लिए 500 करोड़ रुपए मिलेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड पशु पालकों को भी मिलेगा। 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। अर्थव्यवस्था पटरी पर है। हम 2.5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था हैं। हमारा फोकस गांव के विकास पर होगा। सरकार ने पारदर्शी शासन दिया है। सर्विस सेक्टर में 8फीसदी की दर से तरक्की हो रही है। सरकारी सेवाएं ऑनलाइन करने का प्रयास किया जा रहा है। 2 से 3 दिन में पासपोर्ट बनकर घर आ जाता है। 1 दिन में कंपनी रजिस्टर हो जाती है। ईज ऑफ लिविंग पर जोर दे रहे हैं। दवाईयां कम कीमत पर बेची जा रही हैं।