नई दिल्ली। आईएनए दिल्ली हाट में चल रहे 15 दिवसीय बिहार उत्सव 2018 में पटना से आई स्मिता परासर के मिथिला पेंटिंग एवं मंजूषा पेंटिंग की फ्यूजन कला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। स्मिता ने पारंपरिक कला से हटकर मिथिला एवं मंजूषा पेंटिंग के विभिन्न आकृतियों को जिस रूप से सिल्क साड़ियों, सॉल एवं कुर्तियों पर उकेरा है वह दिल्ली हाट में चल रहे बिहार उत्सव में आने वाले लोगों के अनायास ही अपने ओर आकर्षित करता है।
बिहार उत्सव के स्टॉल नंबर 74 पर पटना से आई स्मिता परासर ने बताया कि समय के साथ लोगों का पसंद भी बदला है। यही कारण है कि मैं बेहतर विकल्प के साथ लोगों तक कुछ ऐसी सामग्री लाना चाहती थी जिसे आज के आधुनिक महिलाएं ज्यादा पसंद करें। उसी को ध्यान में रखकर मैंने मिथिला पेंटिंग एवं भागलपुर कें मंजूषा पेंटिंग को एक साथ लाकर फ्यूजन आर्ट पेश किया है।
स्मिता ने इसके अलावा समकालीन (कंटेपररी) आर्ट को भी अपने स्टॉल पर विभिन्न साड़ियों पर उकेरा है। इनमें अजंता एवं एलोरा की कलाकृतियों की बेहतरीन नमूना साड़ियों पर दर्शाया है। पटना से फाइन आर्ट में स्नातकोत्तर करने वाली स्मिता ने बताया कि हमारे यहा 3 हजार से लेकर 8 हजार तक की सिल्क साड़ियां है जिसपर मिथिला पेंटिंग, फ्यूजन आर्ट एवं समकालीन आर्ट की बेहतरीन कला देखने को है।