नई दिल्ली। बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक दिल की बीमारी में इस्तेमाल किए जाने वाले बेयर मेटल स्टेंट की कीमत बढ़कर 7923 हो गई है। साथ ही, ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है। अब यह 28849 रुपये का हो गया है। इसके अलावा एंटीबायोटिक्स और कैंसर में दी जाने वाली दवाइयों समेत कुल 869 दवाइयां खरीदने के लिए मरीजों को पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। दूसरी ओर, मूल्य नियंत्रण के तहत आने वाले आठ इंट्रावेनस फ्ल्यूड के दाम भी बढ़ाए गए हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण का कहना है कि कीमतों में यह बढ़ोतरी वार्षिक थोक मूल्य इंडेक्स की वजह से हुई है।
दिल की बीमारी में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेंट के दाम बढ़ गए हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की एंटीबॉयोटिक, कैंसर और दिल की बीमारी में काम आने वाली दवाइयों समेत कुल 869 फॉर्मूलों वाली दवाइयां भी महंगी हो गई हैं। सरकार के अनुसार, इन सभी के दाम 3.44 फीसद बढ़ाए गए हैं। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की तरफ से जारी बयान के अनुसार, दाम में बदलाव वार्षिक थोक मूल्य इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के कारण हुआ है।
नई बढ़ोतरी के बाद दिल की बीमारी में उपयोग होने वाले बेयर मेटल स्टेंट की कीमत 7923 रुपये हो गई है, जबकि ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट की कीमत बढ़कर 28849 रुपये हो गई है। जिन 859 शेड्यूल्ड फॉर्मूला वाली दवाइयों की कीमत बढ़ाई गई हैं, उनमें जीवाणु संक्रमण में काम आने वाली अमोक्सिीसिलिन (ए) व क्लवुलैनिक एसिड (बी) जैसे एंटीबॉयोटिक कॉम्बिनेशन, कैंसर के इलाज में काम आने वाले डोसेटक्शेल और दिल की बीमारियों में कोलेस्ट्रोल घटाने वाली एटोरवास्टेटिन जैसी दवाइयां शामिल हैं। इसके अलावा एनपीपीए ने मूल्य नियंत्रण के तहत आने वाले 8 इंट्रावेनस फ्ल्यूड के भी दाम बढ़ाए हैं, जिनमें ग्लूकोज और सोडियम क्लोराइड भी शामिल हैं।