नई दिल्ली। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े प्रोफेशनल्स का सबसे बड़ा वैश्विक गठबंधन, वल्र्ड फैडरेशन फाॅर मेंटल हैल्थ ;डब्ल्यूएफएमएचद्ध होटल दि अशोक, नई दिल्ली में 2 से 5 नवंबर, 2017 तक, 21वीं डब्ल्यूएफएमएच विश्व कांग्रेस का आयोजन करेगा। इस आयोजन में मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनल्स, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संघों, गैर-सरकारी संगठनों, नीति विशेषज्ञों और अन्य संस्थानों का सहयोग भी लिया जा रहा है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसे सार्क क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। दुनिया भर के 1000 से ज्यादा प्रतिनिधियों की इसमें भागीदारी रहेगी।
समारोह का उद्घाटन भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविद करेंगे। इस अवसर पर वहां उपस्थित महत्वपूर्ण लोगों में वल्र्ड साइकिएट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हेलेन हेरमन, वल्र्ड एसोसिएशन आॅफ सोशल साइकिएट्री, इंडिया के अध्यक्ष प्रो. के. रॉय अब्राहम और वल्र्ड फेडरेशन फाॅर मेंटल हैल्थ के अध्यक्ष प्रोफेसर गेब्रियल इवबिजारो के नाम उल्लेखनीय हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल और डॉ. नीलम कुमार बोहरा करेंगे। आंकड़े बताते हैं कि लगभग 7.5 प्रतिशत भारतीय मस्तिष्क या लघु मानसिक विकारों से पीड़ित हैं, जिनके लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। दुनिया भर के लगभग 32.2 करोड़ लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं, और उनमें से आधे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र तथा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहते हैं। दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई बाधाएं हैं। जागरूकता की कमी और इस कंडीशन को लेकर सामाजिक सोच सबसे महत्वपूर्ण है। इस ईवेंट का उद्देश्य ऐसी ही समस्याओं का हल खोजना है।
इस सम्मेलन के बारे में बोलते हुए, सीआईएमबीएस इंडिया के निदेशक, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकिएट्रªी के सह-संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष तथा डब्ल्यूसीएमएच के आयोजन अध्यक्ष, डॉ. सुनील मित्तल ने कहा, ‘इस कांग्रेस का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को बढ़ावा देना है। चर्चा का क्षेत्र विविध और व्यापक होगा। इसमें कई उप-विषयों को साथ में लिया जायेगा। उपलब्ध ज्ञान का विश्लेषण, संश्लेषण और एकीकरण किया जायेगा। मानसिक स्वास्थ्य से अधिकांश लोग प्रभावित होते हैं। अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर खुल कर बात की जाये और इसके समाधान खोजे जायें।’
अपने विचार रखते हुए, डेल्ही साइकिएट्रिक सोसाइटी के संरक्षक एवं इंडियन एसोसिएशन आॅफ बायोलाॅजिकल साइकिएट्री के पूर्व अध्यक्ष डॉ नीलम कुमार बोहरा ने कहा, ‘हाल ही में पारित किया गया मानसिक हेल्थकेयर विधेयकं स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए एक बहुत प्रगतिशील कदम है और एक मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी पेशेवरों और मानसिक स्वास्थ्य विकारों से पीड़ित लोगों की संख्या में अभी बहुत बड़ा गैप है। ऐसे लोगों की देखभाल करने के लिए अभी भी पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं। ऐसे प्रावधान तैयार करने की जरूरत है कि इलाज की सुविधा देश के दूरदराज कोनों में भी पहुंचाई जा सके। प्रौद्योगिकी इस दिशा में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।’