नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक के बाद एक मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। जनता से जुडे मसले में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमलावर हो रही है। उसी कडी में आज शाम में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी सिविल लाइन्स में कैंडल मार्च निकाल रही है। असल में, आम आदमी पार्टी की सरकार के दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रॉजेक्ट को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का आरोप है कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रॉजेक्ट में भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे में हुए घोटाले और अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जाने की अपनी नाकामी को छिपाने के लिए केजरीवाल के पास उपराज्यपाल के सिर पर ठीकरा फोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है। जब भी सीसीटीवी कैमरा की बात उठती है तो सरकार उपराज्यपाल ऑफिस पर आरोप लगाकर बचना चाहती है, जबकि सचाई यह है कि इसमें सरकार फेल हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 13 अक्टूबर 2015 को दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कैबिनेट ने 130 करोड़ के प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसका नवंबर 2017 में टेंडर जारी हुआ था। इस टेंडर में दो बिडर में से एक सफल बिडर रहा और इस टेंडर को रद्द कर दिया गया। लेकिन 6 फरवरी 2018 को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571ण्40 करोड़ का एक नया टेंडर जारी किया गयाए लेकिन इसमें कुछ बदलाव भी किए गए। इस टेंडर में कुल बजट का 44 प्रतिशत ;250 करोड़ सीसीटीवी कैमरों के रख रखाव के लिए रखा गयाए जो कुल कैपिटल राशि का 78 प्रतिशत होगा।
दिल्ली प्रदेश कांगे्रस कमेटी के डेलीगेट एडवोकेट सरफराज अहमद सिद्दीकी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा दिल्ली की जनता के हित की बात करती आ रही है और करती रहेगी। दिल्ली की आप सरकार जनता के नाम पर भारी लूट मचा रही हैं। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एडवोकेट सरफराज अहमद सिद्दीकी ने कहा कि हम दिल्ली सरकार के खिलाफ आज सिविल लाइन्स में कैंडल मार्च निकाल रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत हम सरकार का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस जनता के हित के लिए जो भी उचित होगा, वह कार्य करेगी।