नई दिल्ली। गैर सरकारी संगठन सिद्धि ने वॉक फॉर प्लैनेट की अपनी पहल की शुरुआत यहां रोज गार्डन से की। तीन घंटे का यह कार्यक्रम जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पूरा हुआ। उद्यमियों के एक समूह, डेट विद डेस्टिनी के साथ मिलकर आयोजित इस वॉक का मकसद प्रकृति की हरियाली के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाना और इसे बनाए रखना है। इस वॉक में करीब तीन सौ लोगों ने हिस्सा लिया और यह लोगों को जल संरक्षण, बिजली की बचत, प्रदूषण कम करने, प्लास्टिक बैग के दोबारा उपयोग, कंपोस्टिंग, कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरण से संबंधित तमाम अन्य मुद्दों के प्रति लोगों को जानकारी देना और संवेदनशील बनाना था।
पर्यावरण से संबंधित इस अभियान की शुरुआत पर सिद्धि की संस्थापक डॉ. मीना महाजन ने कहा कि मैं एक ऐसा विश्व बनाने में सहायता करने की कल्पना करती हूं जहां अच्छे उद्देश्यों का महत्व हो और सबकी इच्छा एक ही हो। मौजूदा पढ़ी घर के अंदर रहने वाली है और पर्यावरण से जुड़ी हुई नहीं है। एनवायरमेंट ड्राइव की शुरूआत से हम हर किसी को संवेदनशील बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। अपने पर्यावरण से फिर से जुड़ना चाहते हैं और एक उद्देश्यपूर्ण बदलाव लाना चाहते हैं। इस लिहाज से वॉक फॉर प्लैनेट दृ पहला कदम है।
बॉलीवुड की हस्ती, मॉडल तथा लाइफ लवर श्री दिनेश मोहन तथा कांग्रेस के महासचिव श्री अनिरुद्ध लाल ने इस वॉक को झंडी दिखाकर रवाना किया। इनलोगों का कहना था कि पृथ्वी के पर्यावरण संरक्षण में हर किसी की भूमिका है। ऐसे में एक सकारात्मक परिवर्तन, वह चाहे जितना छोटा हो, आखिरकार बदलाव लाने की योग्यता रखता है। ऐसे में छोटे कदम उठाना और हर दिन सकारात्मक आदतों को अपनाना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी मददगार हो सकता है। उल्लेखनीय है कि सिद्धि एक गैरसरकारी संगठन है जो समाज और पृथ्वी की भलाई के लिए एक अनूठा कार्यक्रम चलाता है। इसके तहत 10 मई एक पर्यावरण अभियान शुरू किया गया है जो 30 जुलाई 2018 तक चलेगा। इस अभियान के तहत जो गतिविधियां होंगी उन्हें चलाने में समाज के पारिस्थितिकी, आर्थिक और सामाजिक भलाई से संबंधित पहलुओं का ख्याल रखा जाएगा।
पर्यावरण से हम सभी लोगों का संबंध है और यह जरूरी है कि इसकी गुणवत्ता बेहतर रहे। हममें से बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हमारी जीवनशैली बदलने के लिए यह महत्वपूर्ण है ताकि अगले कुछ दशक में ये बदलाव दिखाई दे सकें। हमारी अनुचित और सघन गतिविधियों से पर्यावरण का नुकसान होता है। हम प्राकृतिक संसाधनों, ताजी हवा, पानी, वन, जानवर, पक्षी, मछली, कीड़े आदि को खोने की कगार पर हैं। इस तरह हम पारिस्थितिकी का अपना सलंतुलन खराब कर रहे हैं। भविष्य की रक्षा के लिए हमें हरियाली का ख्याल रखना है। हमारी ढेरों कोशिशों के बावजूद हमारा पर्यावरण अभी भी ढेर सारी समस्याओं के कारण खतरे में हैं। इसलिए इस दिशा में बहुत सारे काम जरूरी हैं।