2019 में मोदी को हराने के लिए केजरीवाल ने बनाया नया प्लान! कयासों को माकन ने किया खारिज, कहा- हो ही नहीं सकता
नई दिल्ली। भाजपा को पटखनी देने के लिए पिछले काफी चुनावों से संयुक्त विपक्ष एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। चर्चा है कि दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो सकता है। इस समझौते के तहत आप 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि आप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में किसी भी सूरत में आम आदमी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस समय पार्टी का सबसे मजबूत और इकलौता राज्य दिल्ली ही है, ऐसे में वह इसको दूसरे के साथ कैसे बांट सकती है। पार्टी अरविंद केजरीवाल सरकार के कामकाज के आधार पर दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।आम आदमी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारियों की घोषणा कर दी है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही आतिशी मारलेना को पूर्वी दिल्ली सीट का प्रभारी बनाया गया है. पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडेय को उत्तर पूर्वी दिल्ली,पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को चांदनी चौक का प्रभार दिया गया है। पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे युवा नेता राघव चड्ढा को दक्षिणी दिल्ली जबकि कुछ समय पहले बीजेपी से आप में आये गुग्गन सिंह रंगा को उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है।
गौर करने योग्य यह भी है कि जहां एक तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह की तारीफ की है तो आप नेता दिलीप पांडे ने साफ कहा है कि कांग्रेस के नेता पार्टी से संपर्क में है। यानी इतना तो तय है कि 2019 में भाजपा को हराने के लिए आप और कांग्रेस में कुछ न कुछ तो खिचड़ी पक रही है। दरअसल, आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में उसके साथ गठबंधन करने की कोशिश में है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। वे हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में हमारा सहयोग चाहते हैं। आप नेता के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी हमसे दिल्ली में एक सीट मांग रही है। हालांकि पांडे के दावे के बाद दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जब दिल्ली के लोग लगातार केजरीवाल की सरकार को नकार रहे हैं, तो फिर ऐसे में कांग्रेस उन्हें बचाने के लिए क्यों आगे आए? माकन यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने गठबंधन की बात को खारिज करते हुए लिखा कि केजरीवाल, अन्ना हजारे और उनकी टीम की आरएसएस ने ही मदद की थी। इसी के बलबूते मोदी सत्ता में काबिज हो पाए।
वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अन्ना आंदोलन के जरिए मोदी को खड़ा करने वाले केजरीवाल के साथ हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता है। माकन ने यह भी दावा किया कि जनता अब केजरीवाल को नकार रही है और दिल्ली में कांग्रेस को वापस लाना चाह रही है। उन्होंने आज संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ता और सभी नेता यह बिल्कुल नहीं चाहते कि केजरीवाल की पार्टी के साथ किसी तरह का गठबंधन हो। इसकी कुछ वजह हैं। पहली वजह है कि यह है केजरीवाल की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आ रही है और जनता अब उनको नकार चुकी है। उन्होंने कहा कि दूसरी वजह यह है कि 2011 में केजरीवाल ने बाबा रामदेव, किरण बेदी, आरएसएस और भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया और मोदी को खड़ा किया। ऐसे में केजरीवाल के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 56 फीसदी वोट मिले थे और नगर निगम चुनाव में उसे सिर्फ 26 फीसदी वोट मिले। दूसरी तरफ कांग्रेस का वोट नौ फीसदी से बढ़कर 22 फीसदी पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। राजौरी गार्डन और बवाना विधानसभा के उपचुनावों में हमने देखा कि आप के वोट में काफी गिरावट आई है। माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग बिजली और पानी से संबंधित समस्या से परेशान हैं। दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षा के इस बार के परिणाम सबसे कम रहे हैं। लोग इनसे परेशान हो चुके हैं।