नई दिल्ली। मैग्मा फिनकॉर्प लिमिटेड ने एम स्कॉलर की घोषणा की है, जो वंचित परिवारों के मेधावी छात्रों के लिए एक अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त छात्रवृत्ति कार्यक्रम है। बीते तीन वर्षों के दौराना मैग्मा ने 200 छात्रों को छात्रवृत्ति से सम्माति किया है। असल में, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत एक युवा देश है जो आगे बढ़ने की इच्छा रखता है। जबकि भारत में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा मुक्त है, लेकिन उनकी गरीब सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की वजह से बच्चों की एक बड़ी संख्या स्कूल से बाहर रहती है या पढ़ाई बीच में छोड़ देती है। पढ़ाई बीच में छोड़ने के कुछ प्रमुख कारणों में गरीबी, गांवों में रहने वाले छात्रों के लिए अवसरों की कमी और देश के दूरदराज के हिस्सों में विशेष रूप से लड़कियों के लिए खराब बुनियादी सुविधाओं की सुविधा शामिल है। सबसे छोटे सपनों में निवेशÑ के आदर्श वाक्य को जीवित रखते हुए, मैग्मा ने एम-स्कॉलर के तहत 2015 में ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना शुरू किया। छात्रों को उनके अकादमिक प्रदर्शन और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर चुना जाता है।
मीडिया से बात करते हुए कौशिक सिन्हा, उपाध्यक्ष, सीएसआर, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस एंड एडमिन, मैग्मा फिनकॉर्प लिमिटेड ने इस नई पहल और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मैग्मा इस वर्ष एम-स्कॉलर के नए बैच की घोषणा करने में खुश हैं। एम-स्कॉलर वंचित परिवारों के 200 मेधावी छात्रों के भाग्य को बदलने में मदद कर रहा है और छात्रों के एक नए समूह को अब इससे फायदा होगा।