नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल कंपनी ओएनजीसी में भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा को स्वतंत्र निदेशक बनाने के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसारचीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर ने सोमवार को एनजीओ एनर्जी वॉचडॉग की याचिका को खारिज कर दिया। इसमें संबित पात्रा के साथ-साथ ओएनजीसी का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पद पर शशि शंकर की नियुक्ति को खारिज करने की मांग की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक एनजीओ ने अपनी याचिका में ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक बनाने के लिए संबित पात्रा की योग्यता पर सवाल उठाया था। उसमें यह भी आरोप लगाया था कि उनकी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया का भी सही से पालन नहीं किया गया। एनजीओ के पैरवीकार वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पेशे से डॉक्टर हैं, जबकि ओएनजीसी का दवा के क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं हैं जो उन्हें उसके निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया है। एनजीओ ने संबित पात्रा को मिलने वाले सालाना 23 लाख रुपये के भुगतान को लेकर भी सवाल उठाया। हालांकि, केंद्र ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि संबित पात्रा एक एनजीओ सफलता के साथ चला चुके हैं, इसलिए वे इस पद के लिए योग्य हैं। वहीं, शशि शंकर के बारे में याचिका में कहा गया था कि उनका अतीत दागी है, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। याचिका के मुताबिक यह मामला सार्वजनिक उपक्रम द्वारा एक कॉन्ट्रेक्ट से जुड़ा है। इसकी जांच के दौरान शशि शंकर को फरवरी 2015 में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना।
शशि शंकर की नियुक्ति पर संजय जैन ने कहा था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है और उनकी नियुक्ति में कोई अड़चन नहीं है। सुनवाई के दौरान एएसजी संजय जैन ने कहा था कि संबित एक क्वालिफायड सर्जन हैं। जिसका लाभ ओएनजीसी के कर्मचारियों को मिल सकता है| याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील जयंत भूषण ने कहा था कि स्वतंत्र निदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए उद्योग, व्यापार, कृषि या प्रबंधन के क्षेत्र की मशहूर हस्ती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संबित पात्रा का नाम कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 150 की पूर्ति के लिए ओएनजीसी के डाटा बैंक में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति चेक एंड बैलेंस के लिए होती है। क्या संबित पात्रा ऐसा कर सकेंगे। याचिका में कहा गया था कि संबित पात्रा भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। वह ओएनजीसी में स्वतंत्र निदेशक नहीं बनाए जा सकते। यह नियमों के खिलाफ है। याचिका में ओएनजीसी द्वारा संबित पात्रा और शंकर के साक्षात्कार में मिलें अंकों को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।