नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने बुधवार को दिल्ली स्थित मुक्ति आश्रम में नोबेलशांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से मुलाकात कर बच्चों के अधिकार व सुरक्षा और मानवाधिकारों पर चर्चा की। दिल्ली के बुराड़ी में स्थित मुक्ति आश्रम श्री सत्यार्थी द्वारा 1991 में स्थापित बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चों का भारत का पहला पुनर्वासकेंद्र है। सुश्री हेली सामरिक मामलों और वैश्विक विकास पर चर्चा करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आई हुई हैं।
कैलाश सत्यार्थी ने इस अवसर पर सुश्री निक्की हेली से कहा कि मौजूदा दौर में बच्चों के खिलाफ बढ़ता अपराध मानवता के लिए एक बड़ा सकंट है। श्री सत्यार्थी ने सुश्री हेली से आग्रह किया कि बच्चों की सुरक्षा पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर इसके प्रभावी रोकथाम के लिए संयुक्त राष्ट्र के तहत एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। श्री सत्यार्थी के सुझावों को गंभीरता से लेते हुए सुश्री हेली ने कहा कि मैं श्री सत्यार्थी द्वारा स्थापित और बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा संचालित मुक्ति आश्रम में आकर सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि दुनिया का हर बच्चा सुरक्षित हो और उसे वह हर अवसर मिल सके, जिससे उसका जीवन खुशहाल बन सके।इस अवसर पर मैं बाल दुव्यार्पार (ट्रैफिकिंग) को खत्म करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करती हूं।
इस अवसर पर श्री सत्यार्थी और सुश्री हेली ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों की समस्या, उनकी सुरक्षा और अधिकारों पर भी विस्तार से चर्चा की। श्री सत्यार्थी ने सुश्री हेली से कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। इसलिए दोनों देशों को बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इस अवसर पर सुश्री हेली ने विभिन्न कारखानों से जबरिया बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चों से बातचीत की और उनके दुखों और संघर्षों की जानकारी भी हासिल की। हाल ही में इन बच्चों को श्री सत्यार्थी की टीम ने एक छापेमारी अभियान के तहत मुक्त कराया है।