अनंत अमित
नई दिल्ली। इस साल के आखिर में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा का चुनाव केवल दो राज्यों की राजनीति पर असर नहीं डालेगा, बल्कि इससे पूरे देश की सियासत मथी जाएगी। बहस-मुहाबिसें होगी। राज्य की राजनीति के साथ ही केंद्र में सत्तारूढ भाजपा के अंदर और बाहर भी कई परिवर्तन हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत सभी दल मेहनत कर रहे हैं।
खबरें ऐसी आ रही है कि भाजपा अभी पूरे आत्मविश्वास में नहीं है। वह लगातार जमीनी रिपोर्ट एकत्र कर रही है। भाजपा चाहती है कि चुनाव के परिणाम आने तक संसद सत्र को टाला जा सके। हालांकि, यह कहना बेहद मुश्किल है कि इस मुहिम में भाजपा के रणनीतिकार कितना सफल हो पाते हैं। अभी तक शीतकालीन सत्र की तारीखों के बारे में फैसला अटका हुआ है। कहा जा रहा है कि 14 दिसंबर को गुजरात विधानसभा के मतदान का दूसरा चरण खत्म होने के बाद एक हफ्ते का शीतकालीन सत्र बुला कर इसकी औपचारिकता पूरी का जा सकती है। वैसे कानूनी या संवैधानिक रूप से अभी सत्र बुलाने की बाध्यता नहीं है क्योंकि संविधन के प्रावधानों के मुताबिक संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए।
यह पहली बार हो रहा है कि किसी राज्य के चुनाव प्रचार की वजह से संसद का सत्र टाला जा सकता है। ध्यान रहे उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य सहित पांच राज्यों के चुनाव के समय भी संसद का सत्र नहीं टाला गया था। तभी राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा है कि विवादित मुद्दों को संसद में उठाए जाने से बचने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार को अंदेशा है कि संसद सत्र में अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार के बारे में हुए खुलासे का मुद्दा उठेगा। इसकी गूंज गुजरात तक पहुंचेगी। इसी तरह जीएसटी का मसला भी संसद में उठेगा, जिससे भाजपा बचना चाहती है।
गौर करने योग्य यह भी है कि संसद का पिछला सत्र अगस्त में खत्म हुआ है इसलिए सरकार के पास अगला सत्र बुलाने के लिए फरवरी तक का समय है। कहा जा रहा है कि उससे पहले ही सरकार बजट सत्र बुला लेगी। यह भी चर्चा चल रही थी कि सरकार नवंबर में ही एक हफ्ते का शीतकालीन सत्र बुला कर औपचारिकता पूरी करेगी। पर अब बताया जा रहा है कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक 17 नवंबर को होगी। उसमें सत्र की तारीखों पर चर्चा हो सकती है। लेकिन उससे पहले गुजरात चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी और नामांकन शुरू हो जाएंगे।