अमिताभ बच्चन: यूं ही नहीं कहे महानायक

दीप्ति अंगरीश

11 अक्टूबर का दिन भारतीय सामाज के लिए महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन सदी की दो महान हस्तियों ने जन्म लिया। एक को लोक ने बना दिया लोकनायक तो दूसरे को बना दिया सदी का महानायक। जी हां 11 अक्टूबर को बिहार के सिताब दियारा में 1902 में जन्म हुआ जय प्रकाश नारायण का। वह शख्स जिसने देश भर के युवाओं को झकझोरा और दिया संपूर्ण क्रांति का नारा और दिखाया दूसरी आजादी का सपना। उसे लोक ने नाम दिया लोक नायक। लोक नायक के जन्म के चार दशक बाद 1942 में उसी दिन एक और हस्ती ने जन्म लिया। जिसने सिल्वर स्क्रीन पर युवाओं के गुस्से को आकार दिया और कहलाया एंग्री यंग मैन। कालांतर में उसे दुनिया ने नाम दिया महानायक का। वह और कोई नहीं सुपर स्टार अमिताभ बच्चन हैं।
संपूर्ण क्रांति और आपातकाल के दौर में आक्रोशित देशवासियों ने अमिताभ बच्चन की अदाकारी में जो अपनापन महसूस किया, वह जुड़ाव आज तक किसी और कलाकार के साथ नहीं हो पाया। सीधे शब्दों में कहें तो जेपी ने समाज में जिस जज्बे को भरा, उसे अमिताभ ने पर्दे पर जिया। अमिताभ बच्चन का जन्म जेपी के पैदा होने के 40 साल बाद हुआ था। जब जेपी देश में अलख जगा रहे थे, तब नौजवान अमिताभ सिल्वर स्क्रीन पर पहचान बनाने के लिए मुंबई की गलियों की खाक छान रहे थे। अमिताभ को पहली बड़ी कामयाबी फिल्म जंजीर से मिली, जिसमें उन्होंने आक्रोश से भरे पुलिस अफसर का किरदार निभाया था। यहीं से बॉलीवुड में उनके नाम का सिक्का जमा और बाद में दीवार, शोले, त्रिशूल जैसी न जाने कितनी हिट फिल्में उन्होंने बॉलीवुड को दीं और एंग्री यंग मैन के खिताब से नवाजे गए। का। वह और कोई नहीं सुपर स्टार अमिताभ बच्चन हैं।
अमिताभ बच्चन (जन्म-11 अक्टूबर, 1942) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। ये प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र हैं। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। अमिताभ ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सम्मिलित हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता, टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में 1984 से 1987 तक भूमिका निभाई हैं। लोकप्रिय शो “कौन बनेगा करोड़पति” में होस्ट की भूमिका निभाते हैं। इस शो में उन के द्वारा किया गया ‘देवियो और सज्जनो’ सम्बोधन बहुचर्चित रहा है। अमिताभ बच्चन का विवाह अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुआ है। इनकी दो सन्तानें हैं, श्वेता नंदा और अभिषेक बच्चन। अभिषेक बच्चन सुप्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिनका विवाह पूर्व विश्वसुन्दरी और अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से हुआ है। बच्चन पोलियो उन्मूलन अभियान के बाद अब तम्बाकू निषेध परियोजना पर काम करेंगे। अमिताभ बच्चन को अप्रैल 2005 में एचआईवी/एड्स और पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनिसेफ के द्वारा सद्भावना राजदूत नियुक्त किया गया था।

11 अक्टूबर अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर विशेष

१९७३ में जब प्रकाश मेहरा ने इन्हें अपनी फ़िल्म ज़ंजीर (१९७३) में इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका के रूप में अवसर दिया तो यहीं से इनके कैरियर में प्रगति का नया मोड़ आया। यह फ़िल्म इससे पूर्व के रोमांस भरे सार के प्रति कटाक्ष था जिसने अमिताभ बच्चन को एक नई भूमिका एंग्री यंगमैन में देखा जो बॉलीवुड के एक्शन हीरो बन गए थे, यही वह प्रतिष्‍ठा थी जिसे बाद में इन्हें अपनी फ़िल्मों में हासिल करते हुए उसका अनुसरण करना था। बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने वाले एक जबरदस्त अभिनेता के रूप में यह उनकी पहली फ़िल्म थी, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्‍ठ पुरूष कलाकार फ़िल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत करवाया। १९७३ ही वह साल था जब इन्होंने ३ जून को जया से विवाह किया और इसी समय ये दोनों न केवल जंजीर में बल्कि एक साथ कई फ़िल्मों में दिखाई दिए जैसे अभिमान जो इनकी शादी के केवल एक मास बाद ही रिलीज हो गई थी। बाद में हृषिकेश मुखर्जी के निदेर्शन तथा बीरेश चटर्जी द्वारा लिखित नमक हराम फ़िल्म में विक्रम की भूमिका मिली जिसमें दोस्ती के सार को प्रदर्शित किया गया था। राजेश खन्ना और रेखा के विपरीत इनकी सहायक भूमिका में इन्हें बेहद सराहा गया और इन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फ़िल्मफेयर पुरस्कार दिया गया।
१९७९ में पहली बार अमिताभ को मि० नटवरलाल नामक फ़िल्म के लिए अपनी सहयोगी कलाकार रेखा के साथ काम करते हुए गीत गाने के लिए अपनी आवाज का उपयोग करना पड़ा। फ़िल्म में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार पुरुष पार्श्‍वगायक का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार मिला। १९७९ में इन्हें काला पत्थर (१९७९) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया और इसके बाद १९८० में राजखोसला द्वारा निर्देशित फ़िल्म दोस्ताना में दोबारा नामित किया गया जिसमें इनके सह कलाकार शत्रुघन सिन्हा और जीनत अमान थीं। दोस्ताना वर्ष १९८० की शीर्ष फ़िल्म साबित हुई।[23] १९८१ में इन्होंने यश चोपड़ा की नाटकीयता फ़िल्म सिलसिला में काम किया, जिसमें इनकी सह कलाकार के रूप में इनकी पत्नी जया और अफ़वाहों में इनकी प्रेमिका रेखा थीं। इस युग की दूसरी फ़िल्मों में राम बलराम (१९८०), शान (१९८०), लावारिस (१९८१) और शक्ति (१९८२) जैसी फिल्‍में शामिल थीं, जिन्‍होंने दिलीप कुमार जैसे अभिनेता से इनकी तुलना की जाने लगी थी
वर्ष २००० में, अमिताभ बच्चन ने ब्रिटिश टेलीविजन शो के खेल, हू वाण्टस टु बी ए मिलियनेयर को भारत में अनुकूलन हेतु कदम बढाया। शीर्ष‍क कौन बनेगा करोड़पति, जैसा कि यह अधिकांशत: अन्य देशों में चला था, कार्यक्रम को तत्काल और गहरी सफलता मिली जिसमें बच्चन के करिश्मे का भी छोटे रूप में योगदान था। यह माना जाता है कि बच्चन ने इस कार्यक्रम के संचालन के लिए साप्ताहिक प्रकरण के लिए अत्यधिक २५ लाख रुपए (२,५ लाख रुपए भारतीय, अमेरिकी डॉलर लगभग ६००००) लिए थे, जिसके कारण बच्चन और उनके परिवार को नैतिक और आर्थिक दोनों रूप से बल मिला। इससे पहले एबीसीएल के बुरी तरह असफल हो जाने से अमिताभ को गहरे झटके लगे थे। नवंबर २००० में केनरा बैंक ने भी इनके खिलाफ अपने मुकदमे को वापस ले लिया। बच्चन ने केबीसी का आयोजन नवंबर २००५ तक किया और इसकी सफलता ने फिल्म की लोकप्रियता के प्रति इनके द्वार फिर से खोल दिए।।

(लेखिका पत्रकार हैं।)

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