नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के दास व स्टैनो कैडर के कर्मचारियों ने लंबित पड़े कैडर रीस्ट्रक्चर के मामले में आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। एक मई, 2017 से अब तक लगातार पांच मीटिंग्स व धरना प्रदर्शन करने के बाद आगामी 22 फरवरी को दिल्ली सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है। दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेजिडेंट दयानंद सिंह की अगुवाई में आयोजित अहम मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सिंह ने कहा कि कैडर रिस्ट्रक्चरिंग आंदोलन के तहत 1 मई, 25 मई, 28 जुलाई, 8 अगस्त और 12 सितम्बर 2017 को मीटिंग्स कर विरोध प्रदर्शन किये गये थे। वहीं 13 सितम्बर 2017 को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दास कैडर को सीएसएस कैडर से पैरिटी देते हुए रिस्ट्रक्चर करने के आदेश दे दिए थे। बावजूद इसके दिल्ली सरकार का सर्विसेज विभाग कर्मचारी विरोधी रवैया अपनाये हुये है।
एसोसिएशन के महासचिव दीपक भारद्वाज ने कहा कि दास और स्टैनो कैडर कर्मचारी पूरी सरकार को चलाने का काम कर रहा है। सरकार की रीढ़ की हड्डी के रूप में अपनी सेवा दे रहा है। बावजूद इसके कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के प्रोपजल को मंजूर नहीं किया जा रहा है। यह प्रपोजल गत 1 नवम्बर को सौंप दिया गया था। हालांकि कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के लिए गठित कमेटी प्रस्तावों पर विचार कर रही है। लेकिन सर्विसेज विभाग तरह-तरह की भ्रांतिया फैला रहा है और हर संभव अड़ंगे लगाने का कुकृत्य कर रहा है।
प्रेजिडेंट सिंह ने कहा कि 22 फरवरी को 10 बजे दास और स्टैनो कैडर के सभी कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेकर दिल्ली सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं सभी रिक्त पदों को 10 मार्च तक प्रमोशन या डायरेक्ट भर्ती के जरिये भरवाने, ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी यानि घर से निकटस्थ ऑफिस में पोस्टिंग को प्राथमिकता देने के लिए भी कर्मचारी आवाज बुलंद करेंगे।