नई दिल्ली। पेपर इंडस्ट्री को लेकर चार दिवसीय प्रदर्शनी पेपरेक्स प्रगति मैदान में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस खास प्रदर्शनी में जहां पेपर इंडस्ट्री के कई दिग्गज कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए वहीं कई इससे संबंधित उद्योग ने भी अपनी प्रदर्शनी लगाई। सरकार ने जिस प्रकार से प्लास्टिक पर रोक लगाई है जिससे इसके विकल्प के तौर पर लोगों ने बी-श्योर के उत्पाद को काफी सराहा। यहां तक कि बी-श्योर के उत्पाद को समझने और जानने के लिए कई कंपनियों के प्रतिनिधियों व सीईओ ने लगातार मींटिग की। बी-श्योर इंडिया टेक्नोलॉजी के सीईओ मोहित कुमार ने कहा कि कंपनियों के उत्साह और खास तौर पर युवा उद्यमियों का उत्साह ने हमें काफी बल दिया। बी श्योर के उत्पाद पर लोगों ने भरोसा जताया। मोहित कुमार ने कहा कि आज जिस प्रकार से पर्यावरण और विकास के संतुलन की आवश्यकता है जिसको लेकर सरकार सजगता से कार्य कर रही है। इसी दिशा में बीश्योर टेक्नोलॉजी ने आगे बढ़ाया है। मोहित कुमार ने कहा कि बीएसटी इंडिया कृषि कचरे से उत्पादित बायोडिग्रेबल और कंम्पोस्टेबल जैसे गनने की छाल और गेहूं के भूसे से टर्नकी उत्पाद से उत्पादन कर रहा है। कंपनी बेकार कागज, गेहूं का छिलका और गन्ने का छिलका का इस्तेमाल कर उत्पाद का निर्माण करती है और जिससे चक्र में कोई पर्यावरण विनष्ट पदार्ध नहीं बचता है जिससे की आगे कोई नुकसान पहुंचे। यही कारण है कि युवा उद्यमियों ने खास तौर पर उत्साह दिखाया है क्योंकि उन्हें पता है कि भविष्य ऐसे उत्पाद का ही है। खास बात यह है कि दक्षिण भारत से कई वीमेन इंटरप्रेण्योर ने अपनी रूचि इस उत्पाद में दिखाई जो काफी सकारात्मक है। मोहित कुमार ने कहा कि पेपरेक्स एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आकर अपना उत्पाद को प्रदर्शन कर सकता है यह काफी अच्छा अनुभव रहा। बी श्योर के इस खास स्टॉल को सफल बनाने में काजल तुली, भूपेंद्र चौवाटिया, योगेश जैन और सीएन जयसिम्हा खास तौर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। गौरतलब है कि पेपरेक्स का यह प्रदर्शनी 01-04 नंवबर तक आयोजन किया गया। जिसमें 01 नवंबर को वर्ल्ड पेपर डे के रूप में मनाया गया।