नई दिल्ली। बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) की टीम ने दो घरेलू नौकरानियों को मुक्त कराया है, जिसमें एक दिल्ली में तो दूसरी जयपुर में काम करती थीं। दोनों को मुक्त कराने के बाद बालिका आश्रय गृहों में भेज दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर ली गई है। जिस दुर्व्यापारी (ट्रैफिकर) के माध्यम से दोनों लड़कियों को पंजाब से दिल्ली लाया गया था, उसको हिरासत में ले लिया गया है। गौरतलब है कि दुर्व्यापारी लगभग 20 सालों से इस धंधे में संलिप्त था और सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी को तबाह किया है। पुलिस पूछताछ जारी है, जिससे एक बड़े रैकेट के भंडाफोड़ होने की संभावना जताई जा रही है।
बीबीए प्रवक्ता श्री मनीष शर्मा ने घटना पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा-‘’पंजाब से लड़कियों को दिल्ली लाया जाना इस बात का संकेत है कि पंजाब भी दुर्व्यापार के एक स्रोत के रूप में काम कर रहा है। दिल्ली एएचटीयू को चाहिए कि वह राज्य में स्रोत क्षेत्रों का पता लगाए और उसके अनुसार कार्रवाई करे और मुक्त कराई गई लड़कियों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाए।‘’
दिल्ली बीबीए के कार्यकर्ताओं ने एक सूचना पर तड़के सुबह तहसीलदार महरौली एवं थाना फतेहपुर के सहयोग से आया नगर के ए-7-87-एस-5 नामक घर पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया और 16 वर्षीया मंजू (बदला हुआ नाम) नामक एक घरेलू नौकरानी को मुक्त कराया। लड़की को मुक्त कराने के बाद ‘’निर्मल छाया’’ नामक आश्रय गृह में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि मंजू पंजाब से दिल्ली लाई गई थी और एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से जहां वह काम करती थी वहां पहुंची थी। मंजू को काम करने के दौरान शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी। उसको वेतन का भी भुगतान नहीं किया जाता था। मंजू ने अपने मालिक से जब उसको अपने घर भिजवाने की दरख्वास्त की, तो उससे मार-पीट की गई और उसे घर से 18,000 रुपये लाने को कहा गया।
मंजू के माध्यम से ही बीबीए कार्यकर्ताओं को जयपुर में भी एक लड़की के बुरी दशा में काम करने की जानकारी मिली। इसकी तुरंत सूचना बीबीए ने जयपुर के अपने साथियों को दी। सूचना मिलते ही जयपुर के साथियों ने मानव दुर्व्यापार विरोधी यूनिट, पूरब (एएचटीयू) और पुलिस स्टेशन आदर्श नगर के सहयोग से मकान नंबर-बी-61, यशपथ, तिलकनगर में छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया और वहां से 17 वर्षीया शिल्पा (बदला हुआ नाम) नामक लड़की को मुक्त करा लिया। शिल्पा को भी मंजू के साथ ही पंजाब से दिल्ली लाया गया था और उसे जयपुर भेज दिया गया था। शिल्पा के साथ मार-पीट की जाती थी। समय से भोजन नहीं दिया जाता था और घर से बाहर उसे निकलने नहीं दिया जाता था। शिल्पा के मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 370(2), 344 एवं 374 और जेजे एक्ट 75, 79 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार लड़की को बालिका गृह में क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया गया है।