बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड ने अपनी तीसरी वर्षगांठ पर 100% से अधिक एयूएम वृद्धि का जश्न मनाया

मुंबई।  भारत के तीसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक और यूरोप के अग्रणी एसेट मैनेजर के संयुक्त उद्यम बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड ने अपनी कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) को तीन वर्षों में 21,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 49,000 करोड़ रुपये से अधिक कर लिया है। यह उपलब्धि निवेश क्षमताओं और पहुंच में महत्वपूर्ण विस्तार के माध्यम से हासिल किया गया है, जिससे भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में कंपनी की एक प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनी के रूप में स्थिति मजबूत हुई है।
बीते तीन वर्षों में एयूएम में वृद्धि को मजबूत निवेश प्रदर्शन का समर्थन मिला है। इस सफलता का मुख्य कारण मानव संसाधन और प्रक्रियाओं में रणनीतिक निवेश रहा है। निवेश प्रबंधन टीम का आकार दोगुना हो चुका है। सुव्यवस्थित निवेश प्रक्रिया, मजबूत जोखिम नियंत्रण और पोर्टफोलियो मॉनिटरिंग की मदद से कंपनी ने निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन को संभव बनाया है। इस अवधि में बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड ने अपनी प्रोडक्ट सुइट* को 50% से अधिक बढ़ाया है, जिसमें सक्रिय और निष्क्रिय निवेश, इक्विटी, डेट (ऋण), हाइब्रिड, मल्टी-एसेट, थीमैटिक और सेक्टोरल फंड शामिल हैं, जो भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते हैं।
बड़ौदा बीएनपी परिबास एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्रा.लि. (‘एएमसी’) के सीईओ, सुरेश सोनी ने कहा, “हम एक ऐसी संस्था हैं, जो सिर्फ ‘इंडिया’ ही नहीं, बल्कि ‘भारत’ के निवेशकों और भागीदारों की भी सेवा करने पर केंद्रित है। आज हमारे पास देश के 90% से अधिक पिन कोड से निवेशक हैं। हमारा वितरण नेटवर्क भी मजबूत हुआ है, जिसमें अग्रणी बैंक, राष्ट्रीय वितरक, प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार शामिल हैं। हम निवेश प्रदर्शन, वितरण नेटवर्क और पहुंच को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे अगले तीन वर्षों में हमारा एयूएम फिर से दोगुना होने की उम्मीद है। हमारा मिशन निवेशकों को भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय बाजारों में भाग लेने के लिए सशक्त बनाना है। हम ‘टुगेदर फॉर मोर’ के अपने ब्रांड वादे के तहत समूचे इंडिया और भारत में समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एएमसी के सीआईओ – इक्विटी, संजय चावला ने कहा, “हमारे कई फंड अपने-अपने श्रेणी में टॉप परफॉर्मर्स में शामिल हैं। हमारा ध्यान लगातार रिटर्न देने, अल्फा जेनरेट करने और निवेशकों के लिए वेल्थ शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वेल्थ क्रिएशन पर केंद्रित है। यह प्रदर्शन रिसर्च-बेस्ड निवेश रणनीतियों और मजबूत प्रक्रियाओं के कारण संभव हुआ है।”
घरेलू बाजारों के अलावा एएमसी ने भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह को आकर्षित करने में भी सफलता पाई है। एएमसी ने यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान के इंस्टिट्यूशन और रिटेल निवेशकों से ऑफशोर इक्विटी फंड जुटाए हैं। एएमसी में ऑफशोर एडवाइजरी एंड एआईएफ हेड जयेश गांधी ने कहा, “हाल ही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बीच भारत से पूंजी निकासी की प्रवृत्ति तेज होने के बावजूद हमारे ऑफशोर फंड्स का एयूएम तीन वर्षों में 220 मिलियन डॉलर से बढ़कर 460 मिलियन डॉलर हो गया है।
एएमसी में सीआईओ – फिक्स्ड इनकम प्रशांत पिंपले ने कहा, “ब्याज दरों में संभावित कटौती और नियमित तरलता प्रोत्साहन उपायों को देखते हुए हमें वित्तीय वर्ष 2025-26 में घरेलू ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद है। इससे निवेशकों को स्प्रेड कम्प्रेशन और बुल स्टीपनिंग का लाभ मिलेगा, जिससे हमारे फिक्स्ड इनकम एयूएम को और बढ़ावा मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.