भीषण आंधी-तूफान से उजड़ी पान की खेती, लाखों का नुकसान

नालंदा/बिहारशरीफ। गुरुवार की दोपहर अचानक आई भीषण आंधी और तेज बारिश ने खुदागंज थाना क्षेत्र के कोचरा वैरा, बौरी डीह, मैदी, सरथुआ, डौरा, हरसिंगरा सहित कई गांवों में भारी तबाही मचाई। खासकर पारंपरिक पद्धति से की जाने वाली मगही पान की खेती को इस प्राकृतिक आपदा ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ग्रामीणों के अनुसार, तेज हवा और पानी के कारण पान की बरेजा (बारी/बाग) धराशायी हो गई, जिससे लगभग 20 लाख रुपये की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है।

इन गांवों में रहने वाले अधिकांश किसान चौरसिया समाज से हैं, जिनकी प्रमुख आजीविका का साधन मगही पान की खेती है। यह पान देशभर में अपनी गुणवत्ता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। किसानों का कहना है कि पान की खेती से ही वे अपने परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा, सामाजिक जिम्मेदारियां और विवाह आदि खर्च पूरे करते हैं। ऐसे में एकाएक आई इस आपदा से उनकी आर्थिक क्षति हो गई है।

किसानों ने बताया कि मगही पान की खेती में काफी मेहनत, देखभाल और लागत लगती है। आंधी-पानी से बरेजों का गिर जाना मतलब सालभर की मेहनत पर पानी फिर जाना है। गांव के किसान काफी मायूस और चिंतित हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते सरकारी मदद नहीं मिली तो उनका जीविकोपार्जन संकट में पड़ जाएगा।स्थानीय किसानों और ग्रामीणों ने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन और बागवानी मिशन से मांग की है कि आंधी-बारिश से हुए नुकसान का तत्काल आकलन कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही, पान की खेती को आपदा राहत योजना में शामिल किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से प्रभावित किसानों को शीघ्र सहायता मिल सके।

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