सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने आईआईटी कानपुर में एशिया के सबसे बड़े अंतर-महाविद्यालय तकनीकी और उद्यमशीलता महोत्सव ‘टेककृति 2025’ का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने आईआईटी कानपुर में एशिया के सबसे बड़े अंतर-महाविद्यालय तकनीकी और उद्यमिता महोत्सव टेककृति 2025 का उद्घाटन किया। फायरसाइड चैट में सीडीएस ने भारतीय सशस्त्र बलों में उन्नति और आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जानकारी देते हुए भविष्य के युद्धों की उभरती चुनौतियों, विशेष रूप से साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और संज्ञानात्मक क्षेत्रों में तैयारी पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।

इस अवसर पर जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी प्रगति, रणनीतिक सोच और अनुकूलनशीलता को अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अनुशासन और उदारता, साहस और बलिदान के मूल्यों का उल्‍लेख करते हुए विद्वानों, छात्रों और एनसीसी कैडेटों सहित युवा दर्शकों को प्रेरित किया। टेककृति 2025 में उनके उत्साहवर्धक शब्दों ने छात्रों को रक्षा और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

उद्घाटन समारोह में एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित, एओसी-इन-सी, सेंट्रल एयर कमांड और प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल, निदेशक आईआईटी कानपुर सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इस वर्ष का विषय “पंता रेई” (सब कुछ बहता है), प्रौद्योगिकी और नवाचार के निरंतर विकास का उल्‍लेख करता है। टेककृति 2025 प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और सहयोग का एक उल्लेखनीय उत्सव होने की वचनबद्धता निभाते हुए खोज और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाता है।

टेककृति 2025 की एक प्रमुख विशेषता रक्षा प्रदर्शनी में अत्याधुनिक रक्षा तकनीक को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष खंड ‘रक्षाकृति’ था। सशस्त्र बलों, शिक्षाविदों और रक्षा उद्योग के बीच सामंजस्‍य को और आगे बढ़ाते हुए जनरल अनिल चौहान ने उभरते प्रौद्योगिकीविदों से वार्तालाप किया। इस कार्यक्रम ने शोधकर्ताओं को उद्योग जगत के प्रमुखों से जोड़ने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया, जिससे स्वायत्त ड्रोन जैसी उन्नत तकनीकों के विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आयात निर्भरता को कम करने में सहायता मिली।

 

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