मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिल गई जमानत, सुप्रीम कोर्ट की ओर से कही गई ये बात

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत दे दी। यह फैसला न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनाया। शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को पहली बार गिरफ्तार किया था। बाद में सीबीआई ने उन्हें 26 जून को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया। सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कारण, वे 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद तिहाड़ जेल में ही हैं।

जमानत पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “एक विकसित समाज के लिए जमानत पर एक विकसित न्यायशास्त्र की आवश्यकता है और मुकदमे के दौरान अभियुक्तों को लंबे समय तक जेल में रखना उचित नहीं ठहराया जा सकता है और यह इस न्यायालय के निर्णयों में माना गया है। जब मुकदमा पटरी से उतर जाता है तो न्यायालय स्वतंत्रता की ओर झुकेगा। इसके बाद, हमने अनुच्छेद 21 पर चर्चा की है।”

केजरीवाल के इस दावे पर कि कथित घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी एक रणनीतिक कदम था, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध नहीं थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में है। सीबीआई ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गिरफ्तारी क्यों आवश्यक थी और चूंकि न्यायिक आदेश था। धारा 41(ए)(3) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ था। इस प्रकार (तर्क में) कोई दम नहीं है कि धारा 41(ए)(3) का अनुपालन नहीं किया गया। जब मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है तो आईओ को इसके लिए कोई कारण बताने से छूट मिल जाती है। हमने माना है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं है। इसलिए गिरफ्तारी वैध है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “तीन सवाल हैं: क्या सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी में कोई अवैधता थी, क्या उन्हें तुरंत रिहा किया जा सकता है और क्या आरोपपत्र दाखिल करना इस तरह की प्रकृति का है कि उन्हें केवल ट्रायल कोर्ट जाना होगा। अरविंद केजरीवाल जमानत देने के लिए तीन शर्तों को पूरा करते हैं और हम तदनुसार आदेश देते हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले में CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दे दी। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “…करीब 40 लोगों को आरोपी बनाया गया था और सिर्फ 2 लोग आज जेल में बचे थे, इसलिए ज़मानत तय थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के बारे में जो कहा वो केंद्र सरकार के लिए बड़ी फटकार है…सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि अरविंद केजरीवाल को जेल में रखने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी ये षड्यंत्र कर रही थी…केंद्र सरकार के गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

AAP नेता गोपाल राय ने कहा, “सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई। सभी लोगों के अंदर खुशी का माहौल है। पूरे दिल्ली और देश में एक संदेश गया है कि तानाशाही कितना भी मजबूत हो उसे एक दिन हारना पड़ता है..”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.