हम अपने कम्प्यूटर को वायरस फ्री रखने के लिए कई कोशिशें करते हैं। मगर थोड़ी सी असावधानी से वायरस हमारे कम्प्यूटर और उसमें स्टोर डेटा को भारी नुकसान पहुंचा जाते हैं। वायरस से मुकाबला करने के लिए हम एंटी वायरस का इस्तेमाल करते हैं। मगर क्या सभी एंटी वायरस हमारे सिस्टम को वायरस से बचाने में सक्षम हैं ? लेटेस्ट आॅपरेंिटंग सिस्टम विंडोज़ 10 में पहले से (बिल्ट इन) एंटी वायरस विंडोज़ डिफेंडर डला रहता है। इसलिए विंडोज़ 7 या उससे पहले के वर्जन की तरह हमें इसमें कोई दूसरा एंटी वायरस डालने की जरूरत नहीं पड़ती।
क्या विंडोज़ डिफेंडर पर्याप्त है ?- जब हम कम्प्यूटर में कोई प्रोग्राम रन करते हैं तो विंडोज़ डिफेंडर उसे आॅटोमेटिकली स्कैन करता है। अगर कोई वायरस डिटेक्ट होता है तो डिफेंडर उसका पूरा विवरण हमें देता है। इसके साथ ही वह खुद को आॅटोमेटिकली अपडेट भी कर लेता है। लेकिन क्या विंडोज़ डिफेंडर एक अच्छा एंटी वायरस हैं ? अगर हम दूसरे एंटी वायरस साॅफ्टवेयर से इसकी तुलना करे तो हमें यह थोड़ा पीछे दिखेगा। हांलाकि विंडोज़ डिफेंडर के कई फायदे भी हैं। बिल्ट इन होने की वजह से इसे इंस्टाॅल करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह बिल्कुल फ्री होता है। दूसरे कई फ्री एंटी वायरस की तरह यह आपके ब्राउसिंग डेटा का इस्तेमाल खुद के प्राॅफिट के लिए नहीं करता है। अगर आप अपने विंडोज़ को अप-टू-डेट रखते हैं, अप-टू-डेट ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हैं और खतरनाक प्लग इंस जैसे जावा से दूर रहते हैं तो विंडोज़ डिफेंडर आपके काम आ सकता है। यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि डिफेंडर आपको न्यूनतम सुरक्षा ही देता है।
एंटी वायरस रैंकिंग में डिफेंडर को 6 में से 3.5 रैंक ही मिला है। एवी टेस्ट और एवी कमपैरेटिव टेस्ट में इसने क्रमशः 99 फीसदी और 94.5 फीसदी वायरस का पता लगाने में सफलता पाई है जबकि दूसरे एंटी वायरस जैसे बिट डिफेंडर और कैसपर्सकी ने दोनो टेस्ट में क्रमशः 100 फीसदी और 99 फीसदी सफलता दर्ज की। अंत में हम यह कह सकते हैं कि अगर आप होम सिस्टम में काम करते हैं या इंटरनेट का यूज़ कम करते हैं तो विंडोज़ डिफेंडर आपके कम्प्यूटर को वायरस से सुरक्षा दे सकता है।
और भी हैं आॅप्शन- डिफेंडर के अलावा भी कई और विकल्प हैं जिसके बारे में आप सोच सकते हैं। मगर पहले आपको यह तय करना होगा की आप चाहते क्या हैं
1. अगर आप सर्वोत्तम एवं सम्पूर्ण सुरक्षा चाहते हैं तो आपको कुछ ज्यादा रूपये खर्च करने होंगे।
कैसपर्सकी को सबसे बेहतर एंटी वायरस माना जाता है। पिछले कई वर्षों से यह विभिन्न एंटी वायरस टेस्ट में अव्वल रहा है।
2. अगर आप को फ्री में अच्छा एंटी वायरस चाहिए तो आपके पास कई विकल्प हैं मगर मैं अविरा फ्री एंटी वायरस का सुझाव दूंगा। इसमें सुरक्षा और दखलअंदाजी( बीच-बीच में ऐड आना) का बेहतरीन मेल है। आप अविरा इंस्टाॅलेशन के समय आस्क टूल बार एवं इसके ब्राउज़र को अनचेक कर दीजिए तो ये दोनो इंस्टाॅल नहंी होंगे। और अगर बीच बीच में पाॅप अप्स आ जाए तो भी आपको परेशान नहीं होना चाहिए। फ्री एंटी वायरस में अविरा ही सबसे कम आपके काम में दखलअंदाजी करता है।
3. अगर आपको बिल्कुल भी दखलअंदाजी पसंद नहीं और आप अपना काम बिना किसी डिस्टर्बेंस के करना चाहते हैं और फ्री में एंटी वायरस भी चाहिए तो विंडोज़ डिफेंडर ही बेस्ट आॅप्शन है।
एंटी-मालवेयर और एंटी-एक्सप्लाॅएट भी जरूरी- एंटी वायरस तो जरूरी है ही मगर इसके साथ एंटी-मालवेयर और एंटी-एक्सप्लाॅएट भी जरूरी है। आजकल वेब ब्राउज़र और प्लग इंस पर हमला करने वालों की सबसे ज्यादा नज़र रहती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप एक अच्छे एंटी-एक्सप्लाॅएट प्रोग्राम का इस्तेमाल करें। हम आपको मालवेयरबाइट्स एंटी-एक्सप्लाॅएट प्रोग्राम की सलाह देते हैं। यह माइक्रोसाॅफ्ट के ईएमईटी सिक्योरिटी टूल के जैसा है मगर यह ज्यादा यूज़र फ्रेंडली है और इसके सिक्योरिटी फिचर बेहतर हैं। इसके साथ ही हम आपको मालवेयरबाइट्स एंटी-मालवेयर का भी सुझाव देते हैं। यह एंटी वायरस और एंटी एक्सप्लाॅएट के साथ मिलकर आपके कम्प्यूटर को वायरस के एटैक से बचाने में मदद करता है। इस प्रकार से इन तीनों विकल्पों को चुनकर आप अपने कम्प्यूटर को वायरस के खिलाफ एक सुरक्षा कवच दे सकते हैं।
ऋषि आचार्य