बिजली चोरी के 17 मामलों में अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनायी


नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली में लगभग 90 लाख की आबादी को बिजली आपूर्ति करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर-डीडीएल ने बिजली चोरी रोकने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाते हुए, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के दौरान बिजली चोरी के 17 मामलों में अभियुक्तों के खिलाफ अदालत से सजा सुनिश्चित करवायी। वर्ष 2007 से अब तक, विशेष विद्युत अदालतों ने बिजली चोरी के मामलों में कुल 78 अभियुक्तों को सजा सुनायी और विद्युत अधिनियम 2003 के अनुच्छेद 135 के तहत भारी दंड भी लगाया है।

बिजली चोरी की समस्या से निपटने के लिए, टाटा पावर-डीडीएल ने विशेष विद्युत अदालत रोहिणी में अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराए हैं। इन मामलों की गंभीरता और योग्यता पर विचार करते हुए, माननीय अदालत ने अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनायी और टाटा पावर-डीडीएल ने इन फैसलों का स्वागत करते हुए बिजली चोरी रोकने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। कंपनी सभी नागरिकों को गैर-कानूनी गतिविधियों से बचने और आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए बिजली चोरी के मामलों की शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

ताजा घटनाक्रम के बारे में, चीफ कमर्शियल, टाटा पावर-डीडीएल ने बिजली चोरी रोकने के लिए टीम के समर्पण और प्रयासों की सराहना करते हुए, अपराधियों को सजा दिलवाने और उपभोक्ता सेवाओं को दुरुस्त बनाए रखने पर ज़ोर दिया। इस प्रकार उन्होंने सस्टेनेबल एनर्जी के भविष्य को लेकर कंपनी की विज़न को भी स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, “बिजली चोरी की वजह से ईमानदार उपभोक्ताओं के हित प्रभावित नहीं होने चाहिए।”

इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल स्थिर पावर सप्लाई सुनिश्चित होती है, बल्कि यह उपभोक्ताओं के लिए सस्टेनेबल और किफायती बिजली उपलब्ध कराते हुए सामुदायिक विकास को सपोर्ट करने के टाटा पावर-डीडीएल के प्रयासों को भी दर्शाता है। डिस्कॉम अपने उपभोक्ताओं के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाकर तथा उनकी आवश्यकताओं को भली-भांति समझकर उपभोक्ता अनुभवों को बेहतर बनाने पर ज़ोर देती है।

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