नई दिल्ली। डाक विभाग, संचार मंत्रालय और यूनिसेफ ने भारत के साथ यूनिसेफ की साझेदारी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संयुक्त रूप से एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है। 10 रुपये मूल्य के इस डाक टिकट पर एक माँ और बच्चे की तस्वीर है, जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के यूनिसेफ के मिशन का प्रतीक है, खासकर सबसे कमजोर बच्चों के अधिकारों की। 1949 में शुरू हुई इस साझेदारी ने भारत में बाल अधिकारों और विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
दिल्ली सर्किल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल कर्नल अखिलेश पांडे ने अपने संबोधन में यूनिसेफ के योगदान की सराहना की और जोखिम में पड़े बच्चों और युवाओं की सहायता करने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने हर बच्चे को उसकी पूरी क्षमता तक पहुँचने में सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्रे ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बाल कल्याण में महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख करते हुए दीर्घकालिक साझेदारी के प्रभाव को रेखांकित किया। नया डाक टिकट संचार मंत्रालय द्वारा पिछले 64 वर्षों में यूनिसेफ के काम का सम्मान करते हुए पाँचवाँ स्मारक विमोचन है, जिसमें बाल अधिकारों पर कन्वेंशन जैसे मील के पत्थर शामिल हैं।
यह पहल बच्चों के अधिकारों और कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए दोनों संगठनों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जो ‘हर बच्चे के लिए हर अधिकार’ के उनके साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है।