दुमका : दुमका के आउट डोर स्टेडियम में मेगा ऋण शिविर-सह- विकास मेले का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा किया गया जहां 106 करोड़ रुपये के 56 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मेले में कुल 10145 लाभुकों के बीच 114 करोड़ 38 लाख की परिसंपति का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 2 अक्टूबर 2015 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा इसी दुमका के पावन धरती से मुद्रा योजना की शुरुआत की गई थी जिसका लक्ष्य गरीबों को स्वालंबी बनाना तथा महाजनी प्रथा से गरीबों को मुक्त करना है। इस योजना से आज पूरे झारखंड में कई परिवार को स्वरोजगार का अवसर मिला। इन योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए अधिकारियों के साथ-साथ सभी बैंक कर्मियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस मेगा ऋण शिविर का मुख्य उद्ेश्य है राज्य से गरीबी कम करना तथा राज्य के युवाओं को स्वावलंबी और हुनरमंद बनाना। इन योजनाओं की मद्द से राज्य में तेजी से बदलाव लाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य की आधी आबादी लगभग महिलाओं की है और जबतक इन्हें सशक्त नही किया जायेगा तब तक राज्य को सशक्त नही बनाया जा सकता है। आज हमारी मातायें-बहनें किसी से कम नही है जरुरत है इन्हें सही दिशा और सहयोग की । उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में झारखंड की सभी मातायें-बहनें स्वालंबी और सशक्त बने तथा राज्य के विकास में पूर्ण सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है झारखंड के हर युवाओं को रोजगार प्रदान करना और इस दिशा में हमारी सरकार ने इस बजट में हर जिला में कौशल विकास केन्द्र खोलने का फैसला लिया है। इसके लिए राज्य सरकार 700 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जहां झारखंड के सभी युवाओं को सशक्त और हुनरमंद बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि गरीबी को समाप्त करने के लिए हम सबों को एक साथ कार्य करना होगा। बरोजगारी को दूर करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से इस मेगा ऋण शिविर-सह- विकास मेला का आयोजन किया गया है। मौके पर मौजूद सभी बैंक कर्मियों से भी अनुरोध किया कि गरीबों को लोन देने में पहले प्रथामिकता दे। उन्होंने कहा कि आज सरकार द्वारा कई तरह की योजनायें चलायी जा रही है जिसका सीधा लाभ झारखंड के निवासीयों को मिल रहा है। आज झारखंड के 9 जिलों में शहद का उत्पादन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। उधमी सखी मंडल के द्वारा आज कई तरह के कार्य किये जा रहे है जहां महिलायें अपने हुनर से आपना काम बखूबी निभा रही है। आज तसर, कुकून के प्रोसेसिंग पलान्ट लगाये जा रहे हैं जिसकी मद्द से कई परिवार को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गरीबी उन्मुलन हेतु बहुत सी योजनायें चलायी जा रही है जिसका लाभ आदिवासी समाज ले और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारे और हुनर मंद बने। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में 39 लाख किसान हैं जिसमें 17 लाख किसानों का ही किसान क्रेडिट कार्ड बना हुआ है और इस बार हमारी सरकार का लक्ष्य है राज्य के सभी किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्त से अनुरोध किया की अपने-अपने जिलों के बैंक कर्मियों से मिलकर इसे जल्द से जल्द पूरा करे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर बैंकों के द्वारा ऋण का वितरण किया जा रहा है जिसका एक मात्र लक्ष्य है कि स्वरोजगार के माध्यम से अपने आपको अपने परिवार को सुदृढ़ करना साथ ही उन्होंने ने कहा कि बैंको को ससमय ऋण चुकायें जिससे की आपके साथ-साथ अन्य लोगों को भी इन योजनाओं का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने सखी मंडल के बहनों को धन्यवाद देते हुए कहा कि और आगे भी एसे ही बेहतर कार्य आप सबो के द्वारा किया जायेगा ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि एक साथ 27 हजार से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने रोजगार देने का काम किया और आने वाले दिनों में एक लाख लोगों को निवेशकों के माध्यम से रोजगार देने का सरकार का लक्ष्य है। हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी का सपना है कि हर गरीब हर बेरोजगार अपने पैरो पर खड़ा हो तभी सही मायने में सबका साथ सबका विकास संभव है। झारखंड देश में ही नही दुनिया में अपना छाप छोड़ने की काबिलियत रखता है।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उप राजधानी के विकास मेले में आप सभी का स्वागत है। इस मेगा ऋण शिविर-सह-विकास मेला के माध्यम से बेरोजगारी को दूर करने एवं नौवजवान को रोजगार प्रदान करने का यह सशक्त कदम है। इस शिविर को दुमका में लगाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापन किया। लोगों को संबोधित करते हुए समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी सबको देना संभव नही है मगर सभी को रोजगार देना संभव है और हमारी सरकार इस दिशा में पहल कर चूकी है।