नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने देश के बंटवारे के लिए मोहम्मद अली जिन्ना को नहीं जवाहर लाल नेहरु और सरदार वल्लभ भाई पटेल को जिम्मेदार माना है। शनिवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान बने। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना महज उस कमीशन की बात मानने के पक्ष में थे जिसमें, मुस्लिमों, सिखों सहित अन्य अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार देने की बात कही जा रही थी। लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद और सरदार पटेल इस बात को मानने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थे, जिसके बाद मजबूरन देश का बंटवारा करना पड़ा
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उस समय मांगें मान ली गई होतीं तो ऐसा मुल्क कहीं नहीं होता। नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुल्ला शनिवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, जम्मू की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि उस दौर में बोए गए नफरत के बीज का असर आज भी समाज झेल रहा है। हम धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर कब तक लोगों को बांटते रहेंगे।
वहीँ शनिवार को त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस के हार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन नतीजों के आधार पर मैं राहुल गांधी की सफलता या असफलता का आंकलन नहीं किया जा सकता है। अभी हाल ही में तो उन्होंने पार्टी की जिम्मेदारियां सम्भाली थोड़ा वक़्त लगेगा उन्हें समझने में।