अनंत अमित
नई दिल्ली। कई दिनों के इंतजार के बाद आखिरकार गुजरात विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो ही गया। केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का एलान कर दिया। अब सबकी नजर चुनावी रणनीति पर आ कर टिक गई है।आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, मगर तब गुजरात की तारीखों का ऐलान नहीं किया था। विपक्ष ने आयोग पर आरोप लगाया था कि उसने भारतीय जनता पार्टी को राज्य में मुफ्त उपहार बांटने की अनुमति का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने बुधवार को गुजरात में विधानसभा की 182 सीटों पर चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी। गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर (89 विधानसभा सीटों के लिए), जबकि दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर (93 विधानसभा सीटों के लिए) को होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश, दोनों जगह वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी। गुजरात चुनावों में इस बार 50,128 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। गोवा के बाद हिमाचल और गुजरात ऐसे राज्य होंगे जहां चुनावों में शतप्रतिशत वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
तारीखों के ऐलान के साथ राज्य में आचार संहिता को लागू किया गया। आचार संहिता केंद्र सरकार के लिए भी लागू होगी। गुजरात में इस बार 4 करोड़ 33 लाख वोटर हैं। गुजरात चुनाव में इस बार वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल होगा। इन मशीनों के जरिए वोटिंग की पर्ची भी निकलती है। गुजरात में 50 हजार 128 पोलिंग बूथ. मुख्य निवार्चन आयुक्त ए के जोती ने बताया कि समूची चुनाव प्रक्रिया में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। इसके अलावा चुनाव आचार संहिता के पालन के लिये सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों पर भी निगरानी के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। जोती ने बताया कि चुनाव खर्च की सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिये हर उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खोलना होगा। वहीं शांतिपूर्ण मतदान के लिये आयोग द्वारा गठित निगरानी दस्तों को जीपीएस से जोड़ा जाएगा, जबकि मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जायेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, ‘सभी उम्मीदवारों के लिए एफिडेविट के हर कॉलम हो भरना जरूरी होगा। कॉलम खाली होने पर उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस का जवाब नहीं देने पर उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो सकता है। केंद्र सरकार की घोषणाओं पर भी आचार संहिता लागू होगी. गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में सीसीटीवी के जरिये निगरानी की जाएगी। चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जाएगा।’ मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति ने पत्रकारों को बताया कि ‘कोई भी उम्मीदवार 28 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता। उम्मीदवार को एक अलग बैंक अकाउंट खोलना होगा’। उन्होंने कहा कि सुविधा ऐप के जरिये वीडियो भेजकर गड़बड़ी की शिकायत की जा सकती है। सुविधा ऐप से रैली के लिए मंजूरी भी मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन प्रक्रिया 16 अक्तूबर को शुरू हो गई है। हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में नौ नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ 18 दिसंबर को ही होगी। जोती ने बताया चुनाव खर्च की सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए हर उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खोलना होगा। वहीं, शांतिपूर्ण मतदान के लिए आयोग द्वारा गठित निगरानी दस्तों को जीपीएस से जोड़ा जाएगा, जबकि मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
गुजरात में कुल सीटों की संख्या 182 है, 2012 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो बीजेपी को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं. 2012 के वोट फीसद की बात करें तो बीजेपी को 48%, कांग्रेस को 39% और अन्य को 13 फीसदी वोट मिले थे। 2014 लोकसभा चुनाव परिणाम पर भी एक नजर डाल लीजिए। गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं. बीजेपी के खाते सभी 26 सीटें आईं और 60 फीसदी वोट भी बीजेपी को मिला। कांग्रेस 33 फीसदी वोट तो मिला लेकिन पार्टी उसे सीटों में तब्दील नहीं कर पाई. वहीं के अन्य के खाते में सात फीसद वोट आए।