बांका । हर साल 17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजी में इसे हाईपरटेंशन भी कहते हैं। उच्च रक्तचाप दिवस मनाने का उद्देश्य इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है। अघिक से अधिक लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके, ताकि वह इसकी चपेट में आने से बच सकें । समय रहते इस पर नियंत्रण पा लें। इसी को मद्देनजर रखते हुए इस बार का थीम रखा गया है अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि इस बार का थीम बिल्कुल ही सटीक है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इसे नियमित तौर मापना बहुत ही जरूरी है। साथ ही उसके अनुकूल व्यवहार भी करना चाहिए। तभी आप इसे नियंत्रित कर लंबे समय तक जी पाएंगे। जीवनशैली में बदलाव लाकर ही आप उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं। खाने-पीने से लेकर टहलने और सोने तक में अनुशासन बहुत जरूरी है। रात में पहले सोना और सुबह जल्दी उठना, इन सब बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है, तभी इस पर नियंत्रण कर पाएंगे।
डॉ. चौधरी कहते हैं कि उच्च रक्तचाप का सबसे प्रमुख कारण बेलगाम जीवनशैली है। खाने से लेकर सोने और उठने तक का समय निर्धारित नहीं रहना और फास्ट फूड का अधिक सेवन करना प्रमुख कारण है। लोगों को घर का खाना खाने पर जोर देना चाहिए। बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही रूटीन बनाकर एक निर्धारित समय पर सोने का प्रयास करें और उठने का भी समय निश्चित कर लें। खाने में तेल-मसाले का अधिक इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही हरी और पत्तेदार सब्जियों और फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। ऐसा न सिर्फ जो उच्च रक्तचाप की चपेट में हैं उन्हें करना चाहिए, बल्कि सभी लोगों को अपनी जीवनशैली में इसे अपनाना चाहिए। जो चपेट में आ गए हैं, उन्हें तो बचाएगा ही। साथ में जो लोग अभी तक बचे हुए हैं, वह भी इस बीमारी की चपेट में आने से बचे रहेंगे।
डॉ. चौधरी कहते हैं कि आधुनिक जीवनशैली में सबसे बड़ी कमी यही है कि लोगों पर काम का अत्यधिक दबाव है। इस वजह से लोग स्वास्थ्य पर जरूरी समय नहीं दे पाते हैं। उच्च रक्तचाप होने की यह भी एक वजह है। आधुनिक जीवनशैली में एक तो समय का अभाव औऱ ऊपर से भोजन भी अधिकतर बाहरी ही हो पाता है। उससे मिलने वाले कैलोरी को बर्न करने का भी समय नहीं रह पाता है। ऐसा भूल से भी नहीं करें। काम कितना भी अधिक हो, लेकिन अपने शरीर के लिए प्रतिदिन 45 मिनट जरूर निकाल लें। सुबह अगर समय हो सुबह में ही, लेकिन अगर सुबह में समय नहीं मिलता है तो शाम में अवश्य 45 मिनट तक तेज कदमों से टहलें। यह सबसे ज्यादा जरूरी है।