शिमला। हिमाचल प्रदेश में पर्याप्त संख्या बल रहते हुए कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई और उसके एक दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने वर्तमान सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया। शिमला से लेकर दिल्ली तक इस बात की खबरें तेज हो चली हैं कि कांग्रेस के साथ इस पहाड़ी राज्य में खेला हो गया। इसी प्रकार की गतिविधियां जारी रहती हैं, तो मुख्यमंत्री सुक्खू को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया हैं।हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है… मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।”
सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। कहा कि जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है। कहा कि एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। कहा कि शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। प्रियंका गांधी, खरगे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में बड़े और झूठे वादे करके कांग्रेस की सरकार बनी और अब वे वादें पूरे नहीं हुए… आज कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि जहां-जहां इन्होंने वादे किए वहां ये मुकरते नजर आते हैं और इनके विधायक ही इनसे भागते नजर आते हैं। ऐसी क्या मजबूरी थी कि मात्र 14 महीनों में इनके विधायक इनका साथ छोड़ गए…एक बड़ा कारण है कि एक गैर हिमाचली और टिकट दिया गया…”