नई दिल्ली। पिछले ढाई दशक में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में दोगुना से अधिक का इजाफा हो चुका है। यही नहीं, देश में होने वाली कुल मौतों में कैंसर की हिस्सेदारी बढ़कर 8.3 फीसदी हो चुकी है। बुधवार को जारी हुई भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की अध्ययन रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ बलराम भार्गव ने इस रिपोर्ट को सर्वाजनिक किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1990 में देश में कैंसर के चलते 3.82 लाख मौतें हुईं थीं। 2016 में यह संख्या बढ़कर 8.13 लाख हो गई। कैंसर के सबसे अधिक मामले केरल में सामने आए हैं। वर्ष 2016 में केरल में कैंसर के मामलों की दर प्रति लाख आबादी पर 135.3 रही। केरल के बाद मिजोरम (121.7), हरियाणा (103.3), दिल्ली (102.9) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
वहीं, प्रति लाख 53.9 की दर के साथ बिहार में कैंसर का प्रकोप सबसे कम है। वहीं, झारखंड-मिजोरम (64.3) संयुक्त रूप से कम कैंसर के मामले में दूसरे स्थान पर और राजस्थान-तेलंगाना (72.6) संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं।