‘स्वयं और समाज के लिए योग’ थीम के साथ मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने यमुना नदी के किनारे सोनिया विहार स्थित बीएसएफ कयाकिंग कैंप में ‘घाट पर योग’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को बहुत उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया मिली। कार्यक्रम में एनएमसीजी के अधिकारियों और कर्मचारियों, दिल्ली जल बोर्ड के यमुना एक्शन प्लान (III) से जुड़े एनजीओ, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), गंगा विचार मंच, विभिन्न एनजीओ, छात्रों और बच्चों समेत लगभग एक हज़ार लोग शामिल रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री राजीव कुमार मित्तल, उप-महानिदेशक श्री नलिन कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक (परियोजना) श्री बृजेन्द्र स्वरूप, कार्यकारी निदेशक (वित्त) श्री भास्कर दासगुप्ता, कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव और कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) श्री एस.पी. वशिष्ठ शामिल रहे।

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है। जो व्यक्तिगत कल्याण के लिए योग की परिवर्तनकारी शक्ति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता पर जोर देती है। इस थीम को पूरे कार्यक्रम में प्रमुखता से दिखाया गया, जिसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही इसके विभिन्न लाभों और समुदाय की एकजुटता में इसके योगदान को रेखांकित किया गया।

 

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन (एसएमसीजी) के समन्वय से जिला गंगा समितियों द्वारा गंगा बेसिन में 139 स्थानों पर योग सत्र आयोजित किए गए। इस दौरान योग प्रशिक्षकों, गंगा प्रहरी, गंगा विचार मंच, गंगा टास्क फोर्स, गंगा दूतों, छात्रों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय लोगों आदि ने गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के तट पर आयोजित योग सत्रों में भाग लिया।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री राजीव कुमार मित्तल ने योग को वैश्विक मान्यता दिलाने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों पर बात की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रस्ताव को रिकॉर्ड 175 सदस्य देशों द्वारा समर्थन दिया गया था। श्री मित्तल ने बताया कि पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसमें दुनिया भर के लाखों लोगों ने भाग लिया था।

योग के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अनूठी भारतीय आध्यात्मिक पद्धति है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आत्मिक शांति का भी मार्ग है। उन्होंने बताया कि योग के विविध स्वरूप विभिन्न सभ्यताओं में देखे जा सकते हैं, लेकिन वैश्विक जगत में योग की अपनी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति के मन और शरीर को जोड़ने के साथ ही उसे प्रकृति और समाज से भी जोड़ता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की इस वर्ष की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ के विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि योग का अभ्यास ज़्यादातर व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सेहत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देकर बड़े पैमाने पर समाज को भी लाभ पहुंचाता है।

आयुष मंत्रालय द्वारा लॉन्च और इसरो द्वारा विकसित किए गए भुवन योग ऐप को प्रतिभागियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। उपयोगकर्ताओं ने अलग-अलग स्थानों से अपने योग अनुभव साझा किए, ऐप पर तस्वीरें और प्रतिक्रिया पोस्ट की। यह अभिनव प्लेटफ़ॉर्म क्राउड-सोर्स्ड रियल-टाइम डेटा और जियोस्पेशियल तकनीक का उपयोग करता है, जो योग अनुभव को बढ़ाने के लिए स्थानिक बुद्धिमत्ता और विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करता है।

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