नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस उदय उमेश ललित का स्थान लिया है। 11 अक्टूबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। जस्टिस चंद्रचूड़ को जून, 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से सीनियर अधिवक्ता नामित किया गया था और उसी साल वो अतिरिक्त सालिटियर जनरल नियुक्त किए गए थे।
Dr Justice D.Y. Chandrachud sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/8mXM6U55tL
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2022
बेहद खास बात यह भी है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं। यह एकमात्र पिता-पुत्र की जोड़ी है, जो इस शीष पद पर पहुंची है। पूर्व चीफ जस्टिसI वाईवी चंद्रचूड़ 1978 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए थे और 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। 7 साल तक कार्य करने का सबसे लंबा कार्यकाल भी उन्हीं के नाम है। डीवाई चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कानून में दो डिग्री प्राप्त की थी। 39 वर्ष की उम्र में वह वरिष्ठ अधिवक्ता बनने वाले भारत के सबसे कम उम्र के वकीलो में थे।