कमलनयन श्रीवास्तव की पुस्तक ‘एक और दधीचि’ का हुआ लोकार्पण

पटना। जानेमाने समाजसेवी और साहित्यकार कमलनयन श्रीवास्तव की पुस्तक ‘एक और दधीचि’ का लोकार्पण किया गया। हिंदी साहित्य सम्मेलन, कदमकुंआ में श्री कमलनयन श्रीवास्तव की पुस्तक ‘एक और दधीचि’ का लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक का संपादन सुप्रसिद्ध कवियत्री और शिक्षिका डा. आरती कुमारी ने किया है। पुस्तक का लोकार्पण पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी सांसद रवि शंकर प्रसाद, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद,बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ, ख्यातिनाम चिकित्सक पद्मश्री डा. गोपाल प्रसाद सिन्हा, वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, समाजसेवी राजेश बल्लभ, शिवप्रकाश मोदी ने संयुक्त रूप से किया।सभी अतिथियों को शॉल, प्रतीक चिन्ह और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये पौधा देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन नयी दिशा परिवार के संस्थापक सचिव राजेश राज ने किया। इस मौके पर श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कमलनयन श्रीवास्तव ‘वन मैन आर्मी’ हैं। समाज में ऐसे लोगों की जरूरत होती है कि वे निष्पक्ष और निरपेक्ष होकर समाज के लिये काम करें, कमलनयन भी ऐसी शख्सियत में शामिल हैं। उन्हें स्वंय की चिंता नहीं, बल्कि समाज के लिये चिंता हैं। कमलनयन जी को मैं करीब पांच दशक से जानता हूं, लेकिन इन्होंने कभी भी अपने लिये कुछ नहीं मांगा।समाजसेवा के लिए हमेशा आगे बढ़कर उन्होंने काम किया है। उन्होंने श्री कमलनयन को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि श्री कमलनयन निरंतर सामाजिक काम में लगे रहते हैं। युवा वर्ग, बच्चों को प्रोत्साहित करते रहते हैं। वह आज के समय के दधीचि हैं। उन्हें खुद की चिंता नहीं रहती, हमेशा समाज के लिये चिंतित रहते हैं। इनके जीवन से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिये।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि श्री कमलनयन ने अपनी लगन, मेहनत और प्रतिभा से साहित्य और कला-संस्कृति के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
पद्मश्री गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि मेरी नजर में श्री कमल नयन साइलेंट वर्कर है। वह समाज, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में साइलेंट वर्कर के रूप में काम करते हैं। चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान को विश्वस्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। डा. सुलभ ने कहा कि श्री कमलनयन कोमल, कमनीय और कर्मठ व्यक्तित्व वाले इंसान हैं। सामाजिक उत्थान के लिये उन्होंने कई महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मेरा ऐसा मानना है कि यदि वह कुछ न भी करते तो एक केवल एक काम के लिये उन्हें हमेशा स्मरण में रखा जाता,वह है शाद का स्मरण कराना।शाद की मजार को लोगों ने भुला दिया था लेकिन श्री कमलनयन हर वर्ष शाद की बरसी पर उनकी याद में चादरपोशी का कार्यक्रम शुरू करवाया जो काबिले तारीफ है। श्री भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि श्री कमलनयन सहज और सरल व्यक्तित्व के मालिक हैं। चित्रगुप्त सामजिक संस्थान की स्थापना इनकी दूरदर्शिता का प्रमाण देती है। कालजयी शायर शाद को लोग लगभग भूल गये थे, लेकिन श्री कमलनयन ने उन्हें याद किया।आज इनके प्रयास से ही नियमित उनके मजार पर चादरपोशी की जाती है और उनकी याद में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । श्री राजेश वल्लभ ने कहा कि कमलनयन श्रीवास्तव एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सदैव सक्रिय रहते हैं।

 

पुस्तक एक और दधीचि की संपादक डा. आरती कुमारी ने कहा कि श्री कमलनयन की पुस्तक एक और दधीचि का संपादन करना उनके लिये चुनौतीपूर्ण काम रहा है।मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक लोगों को प्रेरित करेगी।
श्री कमलनयन ने आंगतुक सभी अतिथियों और उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का आभार प्रकट किया।इस अवसर पर उनके पुत्र अभिषेक श्रीवास्तव, पुत्री अनामिका और अपराजिता दामाद आशीष रंजन सिन्हा समेत परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

 

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