रणवीर सिंह
नई दिल्ली। भारत में पहली बार आयोजित किए गए खो खो विश्व कप का पहला संस्करण भारतीय पुरुष और महिला टीमों की जीत के साथ सफलतापूर्वक समाप्त हुआ।
इस ऐतिहासिक आयोजन ने न केवल भारतीय खेल प्रेमियों को रोमांचित किया, बल्कि दुनिया भर से आए खिलाड़ियों और दर्शकों पर भी गहरी छाप छोड़ी। इस आयोजन के दौरान भारतीय संस्कृति, परंपरा, और आतिथ्य का जो अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत किया गया, उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर हुई।
भव्य उद्घाटन समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक
खो खो विश्व कप की शुरुआत छह महाद्वीपों के 23 देशों के खिलाड़ियों और प्रतिनिधियों के स्वागत के साथ हुई। भारतीय परंपरा के अनुसार आयोजित इस भव्य उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक संगीत और नृत्य प्रदर्शन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय खो खो महासंघ (केकेएफआई) और अंतरराष्ट्रीय खो खो महासंघ (आईकेकेएफ) ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत की।
Today’s a great day for Indian Kho Kho.
Incredibly proud of Indian Men's Kho Kho team for winning the Kho Kho World Cup title. Their grit and dedication is commendable. This win will contribute to further popularising Kho Kho among the youth. pic.twitter.com/OvzUV6SpX0
— Narendra Modi (@narendramodi) January 19, 2025
ईरान की टीम के खिलाड़ी आमिर घियासी ने भारत के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “हम पहली बार भारत आए और हमें यहां शानदार समय बिताने का मौका मिला। भारतीय आतिथ्य अद्भुत था। हमें यहां हर संभव सुविधा दी गई, चाहे वह भोजन हो या आवास। हमने भारतीय संस्कृति का आनंद लिया और यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।”
खिलाड़ियों के दिल में बसा भारतीय आतिथ्य
विदेशी खिलाड़ियों ने भारतीय आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने उनके लिए विशेष भोजन और सुविधाओं की व्यवस्था की। खिलाड़ियों की सेहत और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर्स और फिजियोथेरेपिस्ट भी हर समय उपलब्ध रहे।
न्यूजीलैंड की महिला टीम का हिस्सा रहीं मूल भारतीय खिलाड़ी अमनदीप कौर ने कहा, “भारतीय आतिथ्य और आयोजन के स्तर ने हमें चौंका दिया। टूर्नामेंट बेहद प्रतिस्पर्धी था, और अब हम भविष्य में और बेहतर तैयारी के लिए प्रेरित हैं।”
भारतीय संस्कृति में रचा-बसा टूर्नामेंट
खिलाड़ियों को न केवल खेल में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला, बल्कि भारतीय संस्कृति को करीब से जानने का भी अवसर मिला। ताजमहल की यात्रा से लेकर भारतीय स्ट्रीट फूड का आनंद उठाने तक, खिलाड़ियों ने हर अनुभव को भरपूर जिया।
पेरू पुरुष टीम की कोच सिल्वाना पेट्रीसिया ने कहा,”आतिथ्य, भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हमें गहराई तक प्रभावित किया। भारतीय संगीत और नृत्य का आनंद लेना अद्भुत रहा। यहां हर चीज़ देखने लायक थी, और यह विश्व कप मेरे जीवन के सबसे अच्छे अनुभवों में से एक है।”
ब्राजील की पुरुष टीम की कोच लॉरा डोअरिंग ने भी भारत की प्रशंसा करते हुए कहा,”भारत की संस्कृति हमारी संस्कृति से पूरी तरह अलग है। यहां के लोग बेहद अच्छे हैं। मैंने यहां डांस मूव्स सीखे हैं और मैं उन्हें अपने साथ वापस ले जाना चाहती हूं।”
आयोजन की सफलता पर आयोजकों की भूमिका
भारतीय खो खो महासंघ और अंतरराष्ट्रीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल और महासचिव रोहित हल्दानिया के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया गया कि विदेशी खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा मिले। भारतीय खेल प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया कि यह टूर्नामेंट खेल भावना के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करे।
खो खो विश्व कप का भविष्य
इस आयोजन ने खो खो को एक वैश्विक खेल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। खिलाड़ियों, दर्शकों और आयोजकों की प्रशंसा से स्पष्ट है कि भारत ने न केवल टूर्नामेंट को सफल बनाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी संस्कृति और आतिथ्य का भी परचम लहराया।
खो खो विश्व कप 2025 सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और खेल कौशल का उत्सव था। इस आयोजन ने साबित किया कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि देशों के बीच दोस्ती और एकता का माध्यम भी है। विदेशी खिलाड़ियों ने भारत में जो अनुभव किया, वह उनकी यादों में हमेशा बना रहेगा।