आप को देखकर ही बच्चा बहुत कुछ सीखता हैैै। आप पढ़ेंगे, तो वह भी पढ़ेगा। इसका मतऐसा देखा गया है कि ऐसे बच्चे पढ़ने में ज्यादा तेज होते हैं जिनके पेरेंट्स होमवर्क पर उनका पूरा ध्यान देते हैं। लेकिन होमवर्क कराने का यह मतलब नहीं होता कि उनके साथ एक टेबल पर बैठकर टाइमपास किया जाए। पेरेंट्स को बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहिए और गाइडेंस देनी चाहिए। जहां उन्हें दिक्कत आ रही हो वहां उनकी मदद करें। ऐसा करते हुए पेरेंट्स भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
बच्चों को गाइड करने का बेहतर तरीका
होमवर्क के लिए सकारात्मक माहौल बनाएंः- इसका ध्यान रखें कि बच्चे ऐसी जगह बैठकर होमवर्क करें जहां भरपूर रोशनी हो। उनके पेन पेंसिल नोटबुक आदि उनके पास रखे दें ताकि पढ़ते समय उनका ध्यान न भटके।
डिस्टर्बेंस को दूर रखेंः- उनके होमवर्क के समय में टीवी, फोनकाल, गेम, कंप्यूटर, गाने आदि सभी डिस्टर्ब करने वाली चीजों को उनसे दूर रखें ताकि उनका ध्यान न भटके। यहां तक कि बार-बार उन्हें पानी पीने और वाशरुम भी न जाने दें।
नियमित टाइम सेट करेंः- बच्चों के अनुसार उनका होमवर्क करने का टाइम सेंट करें। कई बच्चे दिन में अच्छे से पढ़ते हैं तो बहुत से बच्चे रात में अच्छे से फोकस कर पाते हैं। तो उनकी सुविधा के अनुसार टाइम सेट करें और ध्यान रखें कि रोजाना वे इसी समय पर होमवर्क करने बैंठें।
टीचर को समझें कि वे क्या चाहते हैं- स्कूल के सभी समारोह को अटेंड करें और टीचर को समझने का प्रयास करें कि वे होमवर्क के माध्यम से बच्चों से क्या करवाना चाहते हैं। उनके होमवर्क पालिसी के बारे में बात करें और उसी तरह बच्चों को गाइड करें।
प्लान करने में उनकी मदद करेंः- जब भी उन्हें बहुत अधिक होमवर्क मिला हो या कोई बड़ा प्रोजेक्ट पूरा करना हो तो उन्हें काम को छोटे-छोटे भागों में डिवाइड कर पूरा करना सिखाएं। उनके लिए पढ़ने का अतिरिक्त समय निकलवाएं। पढ़ते समय उन्हें बीच में कुछ ब्रेक भी देते रहें।
उन्हें उनका काम स्वयं करने देंः- कई पेरेंट्स बच्चों पर लाड दिखाते हुए उनका होमवर्क करने लगते हैं जो कि गलत है। उन्हें उनका काम खुद करने दें। जब तक वे गलती नहीं करेंगे वे कैसे सीखेंगे। वे जहां गलती करें उन्हें सुधारिए। पेरेंटस गाइड कर सकते हैं। लेकिन बच्चों को अपना काम स्वयं ही करना होगा ताकि वे सीख सकें।
मोटीवेटर बनेंः- उनके होमवर्क के बारे में पूछें। उन्हें मोटीवेट करें। उन्होंने अपना काम सही ढंग से किया है या नहीं इसे चेक करें। उनकी किसी भी जरुरत पर आप उनके लिए उपस्थित रहें।
एक अच्छा उदाहरण बनेंः- क्या आप के बच्चे आप को फालो करते हैं। यदि आप उनसे कुछ करवाना चाहते हैं तो आप को पहले खुद वह काम करना होगा तभी वे आप को फालो करते हुए उस काम को करेंगे। यदि आप चाहते हैं कि आप के बच्चे रीडिंग की हैबिट डालें तो आप को पहले खुद रीडिंग करने की आदत डालनी होगी ताकि बच्चे आप को फालो करें।
उनकी तारीफ करेंः- यदि बच्चे कुछ अच्छा करते हैं जैसे टेस्ट मे ंपूरे नंबर लाएं, किसी कांपटीशन में भाग लें आदि करें तो आप उनकी तारीफ करने से न चूकें।
यदि इतना सब करने के बाद भी आप को ऐसा लगे कि बच्चा सही ढ़ंग से होमवर्क नहीं कर पा रहा है। या उसकी पढ़ाई में इंप्रूवमेंट नहीं हो रही है तो टीचर से मिलें। क्लास में उसकी परफार्मेंस के बारे में जाने। हो सकता है कि बच्चे को पीछे बैठने से दिक्कत हो रही हो या उसकी आंखें कमजोर हो गई हों या किसी और तरह की समस्या हो। सही समस्या का पता लगाकर सही समाधान भी खोजें।