किरेन रिजिजू ने ‘भारत आपदा मोचन शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भारत को पारंपरिक आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण को बदल कर आपदा जोखिम प्रबंधन (डीआरएम) और आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) की दिशा में आगे बढ़ने के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आपदा जोखिम प्रबंधन से निपटने के लिए आपदा कम करने की रणनीति के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किरेन रिजिजू ने यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और फेसबुक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘भारत आपदा मोचन शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। इस दौरान आपदा में और उसके बाद की स्थिति में ‘तैयारी, मोचन और इससे बाहर निकलने’ में सोशल मीडिया के मंचों का कैसे अधिक लाभ उठाया जाए पर चर्चा होगी।
इसे आपदा प्रबंधन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दस सूत्री एजेंडा को कार्यान्वित करने का बढि़या उदाहरण बताते हुये श्री रिजिजू ने कहा कि विश्‍व ऐसी साझेदारी की ओर बढ़ रहा है, जहां आपदा से निपटने में लोग सरकार के साथ सक्रीय भागीदारी कर रहे हैं। ये साझेदारी असाधारण और अपने आप में अलग है। उन्‍होंने बताया कि यह पहली सरकार है जिसने आपदा मोचन पर फेसबुक के साथ साझेदारी की है। श्री रिजिजू ने आपदा से संबंधित चुनौतियों के समाधान तैयार के लिए अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों को भी आमंत्रित किया। श्री रिजिजू ने कहा कि सभी हितधारकों की प्राथमिक जिम्मेदारी लोगों और समुदायों तक पहुंचने की है और आपात स्थिति में लोगों को जागरूक करने तथा जानकारी देने की प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने सामुदायिक समूहों और हितधारकों से आग्रह किया कि वे आपदा प्रबंधन के समय में लोगों को जानकारी देने के नवीन तरीके खोजे। उन्होंने कहा कि प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित दिशानिर्देशों की आवश्यकता है और आपदा की स्थिति तथा राहत और बचाव कार्यों में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने आपदा की स्थिति से बेहतर ढंग से निपटने के लिए जानकारी साझा करने की नई तकनीकों के साथ समुदायों से आगे आने का आग्रह किया। श्री रिजिजू ने कहा कि गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और निजी संस्थानों सहित विभिन्न हितधारकों के सहयोग से आपातकालीन बचाव की स्थिति में आपदा के जोखिम को कम कर ‘दक्षता बढ़ाने’ की दिशा में आवश्यक आधार तैयार होगा। श्री रिजिजू ने कहा कि सोशल मीडिया सभी के जीवन को प्रभावित करता है और रोजमर्रा की जानकारी उपलब्ध कराने में सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है, जिसका उचित दिशा में लाभ उठाने की आवश्यकता है।
इस अवसर एनडीएमए के सदस्य श्री आर.के. जैन ने कहा कि एनडीएमए जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस भागीदारी से आपदा की स्थिति में मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए नए अवसर खुलेंगे। इस कार्यक्रम में गृह मंत्रालय, एनडीएमए, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), केंद्र सरकार के विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, फेसबुक और एनजीओ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

 

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