मुंबई/बैंगलुरु। कोटक महिन्द्रा बैंक (कोटक) और ज़ीटा ने मिलकर ’पेमिंट’ को लांच किया है। कर्मचारियों को भत्ते आदि के जो विभिन्न लाभ दिए जाते हैं उनका इंतज़ाम ’पेमिंट’ नाम के इस डिजिटल प्लैटफाॅर्म के जरिए अच्छी तरह से किया जा सकेगा। मल्टी-वाॅलेट डिजिटल प्रिपेड साॅल्यूशंस प्लैटफाॅर्म- पेमिंट कंपनियों को यह सुविधा देता है कि वे अपने कर्मचारियों को विविध लाभ प्रदान कर सकें जैसे भोजन के वाउचर, चिकित्सा व्यय, छुट्टियों-यात्राओं के भत्ते, गिफ्ट कार्ड, आवागमन व्यय, ईंधन भत्ता, ड्राइवर की तनख्वाह इत्यादि। इससे कर्मचारियों को अधिकतम कर लाभ हासिल हो पाएंगे और दावों के निपटान की प्रक्रिया अधिक सक्षम हो सकेगी। पेमिंट कंपनियों को ज़ीटा से सशक्त एकल डिजिटल इंटरफेस मुहैया कराता है, जिससे कर्मचारियों को दिए जाने वाले विभिन्न भत्तों और खर्चों की अदायगी का प्रबंधन किया जा सके।
कोटक महिन्द्रा बैंक के सीनियर ऐक्ज़ीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट वी स्वामीनाथन ने कहा, ’’कर्मचारी लाभ का वर्तमान कामकाज बहुत बोझिल है जिसमें बहुत सी लिखत-पढ़त व जांच होती है और विविध लाभों के प्रबंधन में कई संसाधन इस्तेमाल होते हैं। पेमिंट एक डिजिटल साॅल्यूशन है और यह कही ज्यादा सरल तरीका है जिससे कंपनियां अपने कर्मचारियों को कर बचत के लाभ प्रदान कर सकती हैं। हमारे बैंक ने ज़ीटा के साथ मिलकर ’पेमिंट’ को विकसित किया है। कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए ’पेमिंट’ सुरक्षित, कस्टमाइज़्ड, कागज़रहित और सुविधाजनक समाधान है।’’
ज़ीटा के सीटीओ और को-फाउंडर रामकी गद्दीपति ने कहा, ’’दशकों से कर्मचारी लाभों का कामकाज एक जैसा रहा है। एक संपूर्ण व बेहतर समाधान के अभाव में कंपनियां वर्षों पुराने तौर-तरीकों को इस्तेमाल करने को मजबूर रही हैं। ज़ीटा का मिशन है सभी किस्म की दावा निपटान प्रक्रियाओं को पूरी तरह कागज़रहित तथा कंपनियों व कर्मचारियों दोनों के लिए आसान बनाया जाए। कोटक महिन्द्रा बैंक हमारे सहभागी के तौर पर साथ है और हमें आशा है कि हम कई कंपनियों एवं कर्मचारियों तक पहुंच पाएंगे। हमारा इरादा कोटक महिन्द्रा बैंक के देश भर में फैले 15-20 लाख ग्राहकों तक पहुंचने का है।’’
जहां एक तरफ पेमिंट से कर्मचारियों को बहुत सुविधा मिलेगी वहीं दूसरी ओर कंपनियांे को भी काफी सुविधा होगी, क्योंकि सारा काम डिजिटल हो जाएगा। नियामकीय जरूरतों के मुताबिक कर्मचारी विभिन्न पेमिंट वाॅलेटों में रकम प्राप्त करते हैं और बिना झंझट के आॅनलाइन खर्चों का दावा कर सकते हैं, बिना किसी कागज़ी कार्यवाही के। ऐप या आॅनलाइन प्लैटफाॅर्म का इस्तेमाल करते हुए वे वाॅलेट को क्रैडिट भी कर सकते हैं।