पा , पापा , डैडी हैं मेरे अनमोल 

मानते हैं कि सेलिब्रेशन का कोई खास दिन या डे स्पेशल तक सीमित नहीं होता कोई रिश्ता। लेकिन सेलिब्रेशन को दिन से जोड़ने का अभिप्राय कर्मशियलाइजेन नहीं, प्यार व इज्जत को स्वयं व अपनों में संजोय रखने का अथक प्रयास है। कारण सिर्फ इतना कि आज की भागमभाग में अपनों में हम दूर होते जा रहे हैं। फिर दिन चाहे डाॅटर्स डे हो या मदर्स डे या फादर्स डे या ग्रैंडपेरंटस डे या कोई ओर। इनका प्रचार हमें अपनों से बांधे रखने की हिदायत देता। या यूं कहें कि रिश्तों की डोर को मजबूत बनाता हैै।

दीप्ति अंगरीश 

वैसे तो फादर्स डे को की शुरूआत को लेकर कई कहानियां हैं लेकिन, सबसे प्रसिद्ध कहानी सोनारो की है जोकि अमेरिका के वाशिंगटन शहर के स्पोकेन में रहा करती थी। कहा जाता है कि सोनारो और उसके भाई-बहनों को उसके पिता विलियम जैक्सन ने अकेले पाला था। साल 1909 के मई महीने में सोनोरो मदर्स डे के मौके पर एक चर्च में कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां मां के बारे में व्याख्यान दिए जा रहे थे तभी सोनारो के दिमाग में ख्याल आया कि जब मदर्स डे मनाया जा रहा है तो फादर्स डे क्यों नहीं?सोनारो अगले साल 5 जून को अपने पिता के जन्मदिन पर फादर्स डे मनाना चाहती थीं और उन्होंने एक पेटिशन भी डाला था कि राज्य में इस दिन को फादर्स डे घोषित करते हुए छुट्टी घोषित की जाए। सोनारो की अपील पर फादर्स डे घोषित करने की पूरी प्रक्रिया हुई और फिर आधिकारिक तौर पर फादर्स डे मनाया जाने लगा।सोचिए अगर रिश्ते ही नहीं होंगे, तो जीवन कितना नीरस होगा।

इसी क्रम में 17 जून को फादर्स डे है। या यूं कहें कि आपका सुपरी हीरो डे। आखिर पिता कोई सुपर हीरो से कम नहीं है। उन्हीं परिकल्पना, संस्कार, आदत, जुझारूपन व हटकर करने के जुनून ने पिता को सुपर हीरो का दर्जा दिया है। इस दिन संपूर्ण संसार अपने रियल लाइफ हीरो को स्पेशल महसूस कराएगा, जो खूनी रिश्तों में अपनत्व की नींव को मजबूत करेगी। ऐसे कई उदाहरण हैं, जो फादर-डाॅटर या फादर-सन की जोड़ी के लिए लोकप्रिय हैं। सफलताओं का परचम लहराने वाले और समाज में विशिष्ट दर्जा रखने वाले कुछ सेलिब्रिटीज से उनका अपने सुपरहीरो से जुड़ी यादें।

 रिचा चड्डा 

मैंने अपने पिता से बेहतरीन करने की गिनती करनी नहीं उत्कृष्टता सीखी है। मेरे पिता चाहते थे कि बेस्ट ग्रेडस मेरे हों। लेकिन पढ़ाई को हउआ नहीं बनाया। इसके साथ ही मेरे सुपर हीरो ने मेरे बचपन को यादगार बनाया है। पढ़ाई के अलावा एक्सट्राकरिक्युलर एक्टिविटि में दिलचस्पी पनपने दी। मेरे एक्ट्रेस बनने के फैसले को पापा ने खुलकर समर्थन दिया। यही कारण है मैं फिल्मों में बेहतरीन विषय वस्तु का चुनाव कर पाती हूं। मेरे पापा द ग्रेट हैं।

 तापसी पन्नु 

मेरे में जिम्मेदारी , सोच में पार्दशिता और व्यवस्थिता का पार्दुपण पिता जी के कारण है। जिंदगी को सुनियोजित और गंभीर रखना मैंने पापा से ही सीखा है। थैंक्यू पापा।

 विकी कौशल  

मेरे पापा ने मुझे विनम्रता, सत्यनिष्ठा और मेहनत करना सिखाया है। जब मैं बड़ा हो रहा था उन्होंने हमेशा सिखाया है कि भविष्य के लिए डरो नहीं। यदि तुम सौ फीसदी किसी काम को दोगे, तो भविष्य की एफडी का प्रिंसपल और इंटरेस्ट का आनंद ले पाआगे। यही फंडे से मैं कोई काम करता हूं। चाहे फिल्म हो या रियल लाइफ।

अलि फजल  

पापा के साथ रहने का कम समय मिला है। लेकिन उनकी पोस्र्टकार्ड या लेटर लिखने की आदत आज भी जेहन में है। याद है जब मैं स्कूल की छुट्टियों में घर आता था तो वह मुझे जिंदगी के प्रति गंभीर होना सिखाते थे। साथ ही पोस्ट कार्ड और लेटर लिखने की जो आदत उन्होंने दी है, उसकी तुलना ईमेल या डिजिटल मीडिया से हो ही नहीं सखती। रिश्तों को मजबूत बनाने का ठोस मंत्र सिखाया है मेरे पापा ने। 5 राजा रेड्डी  मैं अपनी दोनों बेटियों को कहता हूं कि भारत विश्व गुरु और प्राची सुधा है गीत-संगीत और नृत्य के लिए। मुझे खुशी है कि भावना और यामिनी ( मेरी बेटियां ) कला-संस्कृति से जुड़ी हैं। मुझमें और मेरी बेटियों में समरूपता है नृत्य के लिए जुनून और प्यार। यह वंशागत है। दोनों कुच्चीपुड्डी के तन्यमय हैं।

रघु राय   

मेरी बेटी अवनी राय फोटोग्राफर नहीं है, लेकिन अपने प्रोफेशन में बेस्ट कर रही है। मुझे खुशी है इस बात की। फोटोग्राफी की अपडेटस से वाकिफ रहती है। इस ओर काफी पढ़ती है। जब वो साढ़े तीन साल की थी। एक दिन गर्मी के दिन वो मेरे साथ खेत गई और जिद करने लगी कि मुझे गोद में उठाओ। ऐसा उसने दो बार बोला। मैंने कहा कि कोई किसी को उठता नहीं है। तपाक से अवनी बोली मैंने कब से फूल को उठा कर चल रही हूं। वाकई कितना गंभीर वाक्या था।

 अक्षय कुमार  

मेरी प्रिंसेज है मेरी बेटी नितारा। मेरा बेटा बड़ा हो रहा है। मेरे बराबर लंबा हो गया है। उसका नाम मैंने बाजू पर टैटू करवाया हुआ है। मेरे बच्चे मुझे अपना रोल माॅडल समझते हैं। वे मुझसे जिंदगी का कड़ा अनुशासन सीखते हैं। मैं चाहता हूं दोनों फिट और स्ट्राॅन्ग बने फिजकली और मेंटली।

 शाहरुख खान  

किंग खान फैमिली पर्सन हैं। यह बात किसी छिपी नहीं है। आर्यन और सुहाना टीनएज में हैं। दोनों बाॅलीवुड में डेब्यू देने की तैयारी में जुटे हुए हैं। किंग खान को तीनों बच्चे अजीज हैं। अक्सर उन्हें अबहराम के साथ देखा जाता है। कितने ही बिजी हों किंग खान, लेकिन बच्चों के लिए समय जरूर निकालते हैं। यूं उनके बच्चे उन्हें सुपर डैड कहते।

रितिक रोशन 

भारत के अत्याधिक आकर्षक व्यक्ति हैं रितिक रोशन। उनकी पर्सनल लाइफ में कैसे भी उतार-चढ़ाव आएं, लेकिन दोनों बेटे हरिहन और हरिधन की पेरंटिंग में कोई कमी नहीं आने देते रितिक। भले ही बच्चों की मां सुसैन अब साथ नहीं रहती। तीनों मोहक समय साथ बिताते हैं। कभी लम्बी छुट्टियां में, तो कभी घर पर। रितिक कहते हैं दिन में हरिहन और हरिधन के साथ समय जरूर बिताता हूं। जब घर पर होता हूं तो बेटों के समय में किसी को एंट्री नहीं देता।

सैफ अली खान 

तीनों बच्चों के लिए सैफ सुपर डैड है। भले उनकी माएं अलग-अलग हैं। पहली पत्नी अमृता सिंह से बच्चों सारा और इब्राहम से अटूट प्यार है। अपने छोटे प्रतिबिंब तैमूर के साथ बच्चा बन जाते हैं सैफ। इस सुपर डैड बनने के सफर में उनकी दूसरी पत्नी करीना कपूर उनका हमेशा साथ देती है, चाहे सारा, इब्राहम या तैमूर हो।

तुषार कपूर  

तुषार के सरोगेसी चाइल्ड लक्ष्य के आस-पास ही जिंदगी गुजरती है। तुषार कहते हैं कि लक्ष्य सिर्फ डेढ़ साल का है। उसे बहुत कुछ सीखाना है। मुझे देखकर ही वो सीखेगा। मैं शूटिंग का शेडयूल लक्ष्य की पेरंटिंग के अनुसार ही करता हूं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य के साथ समय गुजार सकूं।

 शाहिद कपूर 

नए-नए पापा बने शाहिद कपूर अपनी बेटी मिशा को गोद या कंधों में रखते हैं। कहते हैं मैं उसे प्रोटेक्ट रखने के लिए कुछ भी कर सकता हूं। घर पर मैं उसके डायपर भी बदलता हूं। मुझे अच्छा लगता है पापा वाली जिम्मेदारी कंधों पर लेकर।

रितेश देशमुख 

हैप्पी डैड हैं रितेश। दोनों बेटों के जन्म की जानकारी उन्होंने टिवटर दी थी। पत्नी जेनीला डेसूजा और दोनों बेटों के साथ अक्सर फोटोशूट करवाते रहते हैं। कहते हैं कि जब भी मौका मिलता है वो अपने बेटों की नैपी भी बदलते हैं। चाहते हैं कि बेटों को जिंदगी में हक की लड़ाई लड़ना सिखा पाएं।

विद्या बालन

अभिनेत्री विद्या बालन ने पिता पीआर बालन हरपल उनके साथ खड़े रहे। विद्या बताती हैं कि जब उनके पिता सर्विस से 55 की उम्र में वे रिटायर हुए थे। उन्होंने उस दौर में आर्थिक तंगी देखी है। एक विडियो में उनके पिता बताते हैं कि आर्थिक तंगी के दौर में बेटी विद्या परिवार का सहारा बनी। बाप-बेटी एक-दूजे की छाया हैं।

 

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