सुशील देव
नई दिल्लीे। राजधानी दिल्ली को एनसीआर से सीधे जोड़ने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी तेजी से कार्य पूरे करने के हिमायती हैं। इस वजह से अपने मंत्रालय एवं संबंधित अधिकारियों से हमेशा समय से पहले कार्य पूरे करने के हिदायत भी देते रहते हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह पूरी तरह से पहुंच-नियंत्रित एक्सप्रेस-वे में केवल निर्धारित इंटरचेंज के जरिए ही प्रवेश एवं निकास केंद्र हैं। टोल का संग्रह केवल तय की गई दूरी के लिहाज से किया जाएगा, जिसके लिए टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली लगी होगी। उन्होंने कहा कि 4420 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना लक्षित 910 दिनों की तुलना में लगभग 500 दिनों की रिकार्ड अवधि में ही पूरी होने जा रही है। यह ऐसा पहला एक्सप्रेस-वे है, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित है। एक्सप्रेस-वे पर 4 मेगावाट क्षमता के 8 सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। इस एक्सप्रेस-वे से प्रदूषण घटने के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी में भीड़-भाड़ भी कम हो जाएगी, क्योंकि दिल्ली न जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों का प्रवेश इस शहर में नहीं होगा।
उन्होंने नए वित्त वर्ष से ही लेन किलोमीटर की गणना की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को अपनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि मंत्रालय अब तक रैखिक लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गणना करता रहा है, जो सही अर्थों में इस तथ्य को दर्शा पाता है कि वास्तव में कितना कार्य पूर्ण हुआ है। गडकरी ने यह भी घोषणा की कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-मेरठ राजमार्ग परियोजना के तहत दिल्ली से डासना तक 14 लेन वाले राजमार्ग का निर्माण कार्य लक्षित 30 महीनों की तुलना में 15 महीनों की रिकार्ड अवधि में ही पूरा हो जाएगा। इस राजमार्ग के दोनों ही तरफ 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा, जो इसकी एक अनूठी विशेषता है। उन्होंने बताया कि यमुना नदी पर मौजूदा प्रमुख पुल के दोनों तरफ 4 लेन वाले 2 नये पुल बनाए जाएंगे, जिससे यह 16 लेन वाले पुल में तब्दील हो जाएगा। यह देश का पहला ऐसा पुल है, जिसमें सौर प्रणाली और ड्रिप सिंचाई सुविधा से युक्त वर्टिकल उद्यान है।
गडकरी ने दावा किया है कि वर्ष 2017-18 के दौरान 9,829 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया जो पिछले वर्ष के दौरान निर्मित 8,231 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 17055 किलोमीटर लंबी सड़कों के ठेके दिए गए, जबकि पिछले वर्ष 15948 किलोमीटर लंबी सड़कों के ठेके दिए गए थे। वर्ष 2017-18 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर 1,16,324 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। )