पूर्वोत्तर क्षेत्र वास्तव में सुअवसरों की खोज की गई भूमि है : जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने आज यहाँ विश्व खाद्य भारत 2017 में ‘पूर्वोत्तर भारतः जैविक उत्पादन केन्द्र; सुअवसरों की खोज’ पर आयोजित सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र वास्तव में सुअवसरों की खोज की गई भूमि है। उन्होने कहा कि हमें अब और आगे बढ़ना है और निर्णय लेना है कि कैसे आगे बढें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होने बताया कि विगत तीन वर्षों में भारतीय पूर्वोत्तर क्षेत्र की अज्ञात क्षमताओं को उभारने के लिए प्रयासों की पहल की गई है और अब भारत के शेष भाग को पूर्वोत्तर क्षेत्र से बहुत कुछ सीखना है। मंत्री महोदय ने कहा कि देश के सम्पूर्ण विकास के लिए सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास आवश्यक है।
पूर्वोत्तर की क्षमतों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के पास बांस की 50 श्रेणियाँ, केले की 14 किस्में और चकोतरा फल की 14 किस्में हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अनानास और संतरे की पैदावार बहुतायत से है। उन्होने कहा कि इन उत्पादों को निर्यात में यदि सहयोग नहीं मिलता है तो यह उत्पादन व्यर्थ हो जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार द्वारा रेल और सड़क संयोजकता पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होने आगे कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों के विकास, विशेषतया ‘अनाथ सड़के’ जिन्हे राज्य सरकारों द्वारा नकारा गया है उन पर पहली बार क्षेत्र आधारित पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजनाओं की शुरूआत की गई है। मंत्री ने कहा असम, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 3 मेगा फूड पार्क हैं। सिक्किम राज्य को भारत का प्रथम जैविक राज्य घोषित किया गया है। उन्होने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की सभ्यता और उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेषतया दिल्ली में नार्थ ईस्ट कालिंग फेस्टीवल और दिल्ली तथा चण्डीगढ में आयोजित डस्टीनेशन नार्थ ईस्ट फेस्टीवल जैसे विभिन्न कार्यक्रमों को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है।
भारत सरकार के, ‘स्टेण्ड अप इण्डिया’ स्टार्ट अप इण्डिया’ कार्यक्रमों में कर अवकाश और निकास अवधि के प्रावधान के अतिरिक्त पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने विशेषतया युवा उद्यमियों को वृहत वित्तीय राहत प्रदान करने के लिये, पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्टार्ट अप करने के इच्छुक युवाओं के लिए, ‘उद्धम निधि’ की शुरूआत की है। ‘उद्यम निधि’ युवाओं में पहले से ही लोकप्रिय है और इसके 65 अनुबन्ध आ चुके हैं। डा. सिंह ने आगे कहा कि रोजगार उत्पन्न करने के लिए हमें नये क्षेत्रों की खोज करनी होगी और इसके लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य में पहली पसंद होगा। इस सम्मेलन में पूर्वोत्तर मंत्रालय के सचिव श्री नवीन वर्मा ने भी भाग लिया। इस अवसर पर अन्य विशिष्ट वक्ताओं में एन.ए.बी (जैविक) कृषि एव प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के सलाहकार, डा. ए.के.यादव, पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री पंकज कुमार प्रसाद और उद्योग जगत के प्रतिनिधि और स्टार्ट अप इण्डिया के युवा उद्यमी शामिल हैं।

 

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