एनएसडीसी का तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम पर कार्यशाला का आयोजन

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सहयोग से नई दिल्ली में तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। टीआईटीपी कार्यशाला का उद्देश्य टीआईटीपी में भाग लेने और कौशल भारत के मिशन में योगदान करने और भारत और जापान के बीच संबंधों को और मजबूत करने के इच्छुक संगठनों के बीच जागरूकता पैदा करना था। कार्यशाला में जापान अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी निगम संगठन (जीटको) और भारत में जापान दूतावास के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कौशल विकास भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और जापान के साथ द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है। साझेदारी को बढ़ावा देने और भारत और जापान के बीच सहयोग के जरिए पारस्परिक हितों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एमएसडीई और जापान सरकार के बीच एक ज्ञापन सहयोग (एमओसी) पर समझौता हुआ है, जो भारत के कुशल तकनीकी प्रशिक्षु को जापान में अवसर दिए जाने पर जोर देता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, भारत से प्रशिक्षित व्यक्तियों को नौकरी प्रशिक्षण के लिए अधिकतम 5 साल तक जापान भेजा जाएगा। एनएसडीसी को भारत में एमएसडीई की कार्यकारी शाखा के रुप में इस कार्यक्रम के प्रबंधन और निगरानी के लिए ‘कार्यान्वयन और निगरानी एजेंसी’ के रूप में नियुक्त किया गया है। जीटको जो देश में कुशल व्यक्तियों के हस्तांतरण का समर्थन करता है, ने भी टीआईटीपी पर एक विशेष सूचना सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने टीआईटीपी संरचना और प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके बाद एक प्रश्नोत्तरी सत्र का औयोजन किया गया जिसमें एमएसडीई, एनएसडीसी और जीटको के अधिकारियों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब दिया। कार्यक्रम में एमएसडीई, एनएसडीसी, राज्य सरकारों, प्रशिक्षण प्रदाताओं, कंपनियों, जापानी भाषा संस्थानों और जापान के अन्य निजी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की भी भागीदारी देखी गई।
भारत में जापान के दूतावास मिशन के उपाध्यक्ष श्री युटाका किकुता ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जापान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ये कार्यक्रम और मजबूती प्रदान करेगा। तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को तकनीक में विशेषज्ञता प्रदान करना शामिल है, जो कार्यबल के अनुभव को बढ़ाएगा। एमएसडीईई सचिव, डॉ के पी कृषणन ने कहा कि टीआईटीपी कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री की भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने की दूरदृष्टि को दिखाता है। देश में प्रतिभाओं की असीम संभावनाएं हैं, अगर उन्हें गुणवत्ता और समृद्ध कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए तो वे अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
जीटको के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री केनसुके सुजुकी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण सहयोग से दोनों देशों के बीच ज्ञान साझा करने में वृद्धि होगी। यह पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी है जिसमें जापान प्रतिभावान लोगों की सेवा का लाभ ले सकते हैं और बदले में उन्हें वहां स्थित संगठनों में काम करने का अविश्वसनीय और सार्थक अनुभव प्रदान कर सकते हैं।
टीआईटीपी के महत्व को रेखांकित करते हुए एनएसडीसी के एमडी और सीईओ श्री मनीष कुमार ने कहा, “कौशल विकास समकालीन समय की प्राथमिकता है। बेहतर कल के लिए जनशक्ति को कुशल रूप से तैनात करना आवश्यक है। टीआईटीपी जैसे पहल हमारे देश के युवाओं को विश्व स्तर पर रोजगार देने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान करें ।

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